
पटना, 15 जुलाई 2025 –
बिहार में आगामी चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची का गहन परीक्षण करा रहा है। इसी क्रम में यह जानना जरूरी हो गया है कि किन परिस्थितियों में आपका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है और यदि हट जाए तो दोबारा कैसे जोड़ा जा सकता है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में सिर्फ वोटर ID या आधार कार्ड मान्य दस्तावेज नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है, लेकिन आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूची को अपडेट करने का निर्देश जारी कर दिया है।
मतदाता सूची से नाम हटने के कई कारण हो सकते हैं:
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पता बदलने पर: जब कोई व्यक्ति एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे में स्थायी रूप से स्थानांतरित होता है और वहां नया वोटर ID बनवाता है, तो पुराने क्षेत्र से नाम हटा दिया जाता है।
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मृत्यु के बाद: यदि किसी मतदाता की मृत्यु हो जाती है और परिवार इसकी जानकारी निर्वाचन अधिकारी को देता है, तो मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर नाम हटा दिया जाता है।
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लंबे समय तक मतदान न करने पर: यदि कोई मतदाता कई वर्षों तक वोट नहीं देता, तो उसे ‘इनएक्टिव’ मानकर नाम हटाया जा सकता है, विशेष रूप से यदि बीएलओ क्षेत्र में मौजूद नहीं पाता।
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गलत जानकारी या फर्जी दस्तावेज: अगर नाम, उम्र, पता या दस्तावेजों में गड़बड़ी मिलती है, तो जांच के बाद नाम हटाया जा सकता है।
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NRI बनने पर: यदि कोई व्यक्ति विदेश में स्थायी रूप से बस गया है और खुद के कहने पर फॉर्म 7 भरता है, तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाता है।
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डुप्लीकेट एंट्री: यदि एक व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज हो जाए, तो जांच के बाद एक प्रविष्टि हटा दी जाती है।
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रीविजन के दौरान पुष्टि न होने पर: समय-समय पर होने वाले वोटर लिस्ट रिवीजन में यदि व्यक्ति अनुपस्थित रहता है या फॉर्म नहीं भरता, तो उसका नाम हट सकता है।
नाम कैसे जोड़ें:
यदि आपका नाम लिस्ट से हट गया है, तो https://www.nvsp.in पर जाकर या स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में Form 6 भरकर पुनः पंजीकरण करा सकते हैं।
नाम कैसे चेक करें:
राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर जाकर “Search in Electoral Roll” में जाकर EPIC नंबर या व्यक्तिगत जानकारी से नाम की पुष्टि की जा सकती है।