
नई दिल्ली, 15 जुलाई 2025 –
देश में खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़ों में अप्रत्याशित गिरावट ने आम जनता को बड़ी राहत की उम्मीद दिलाई है। जून में खुदरा महंगाई दर 2.1 फीसदी के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो बीते छह वर्षों में सबसे कम है। सब्जियों और खाद्य उत्पादों के दामों में भारी कमी के चलते यह गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अगली मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में और कटौती करेगा और आम लोगों की लोन EMI घटेगी?
सूत्रों की मानें तो अगस्त में होने वाली RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में 50 बेसिस प्वाइंट तक की रेपो रेट कटौती की संभावना है। मौजूदा वर्ष में अब तक RBI तीन बार रेपो रेट में कटौती कर चुका है, जिससे यह घटकर 5.5% पर आ चुका है। फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस प्वाइंट तथा जून में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, खुदरा महंगाई में जून में 70 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा की गिरावट और थोक महंगाई के 0% से नीचे जाने के बाद RBI के पास ब्याज दर में और कटौती की पूरी संभावना बनती है। थोक महंगाई दर जून में 0.13 प्रतिशत रही, जो 19 महीनों में सबसे कम है।
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, सब्जियां, दालें, दूध, मांस, मछली, अनाज, मसाले और मिठाइयों की कीमतों में गिरावट ने CPI आधारित खुदरा महंगाई को नीचे धकेला है। वहीं, डब्ल्यूपीआई डेटा में खाद्य महंगाई की दर जून में -1.06 फीसदी रही, जो मई में -1.56% थी।
अगर अगस्त की मीटिंग में RBI ब्याज दरों में कटौती करता है, तो होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि की EMI में और कमी आ सकती है, जिससे जनता को बड़ी राहत मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त बैठक महंगाई के आंकड़ों से पहले होगी और जुलाई की महंगाई भी 3% से नीचे रहने की संभावना है, जिससे 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती तय मानी जा रही है।