देहरादून, 15 जुलाई 2025:
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी के शिकार बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। जिला प्रशासन द्वारा साधुराम इंटर कॉलेज में स्थापित राज्य के पहले आधुनिक इन्टेंसिव केयर शेल्टर में अब इन बच्चों को शिक्षा, तकनीकी ज्ञान, संगीत, योग और खेल जैसी गतिविधियों से जोड़कर उनके सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
डीएम सविन बंसल की अगुवाई में तैयार किए गए इस माइक्रोप्लान के तहत सड़कों पर भीख मांगते बच्चों को रेस्क्यू कर इस शेल्टर में लाया जा रहा है, जहां उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
शेल्टर में कंप्यूटर लैब, संगीत कक्ष, खेल उपकरणों से युक्त क्षेत्र और समुचित कक्षा-कक्ष स्थापित किए गए हैं। साथ ही बच्चों के लिए पोषण युक्त भोजन और नियमित स्वास्थ्य जांच की भी व्यवस्था की गई है।
विशेषज्ञ शिक्षकों और स्वयंसेवकों के सहयोग से यहां बच्चों को योग, संगीत, नाटक, खेल, और कंप्यूटर शिक्षा में दक्ष किया जा रहा है। यह प्रयास न केवल शिक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि राज्य और जनपद के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रहा है।
यह मॉडल इन्टेंसिव केयर शेल्टर अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण बन सकता है, जहां बाल भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करते हुए बच्चों को सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर किया जा सके।