
नई दिल्ली | 25 जुलाई 2025
भारत और ब्रिटेन के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के बाद अब भारत के पारंपरिक अल्कोहलिक पेय जैसे गोवा की फेणी, नासिक की हस्तशिल्प वाइन और केरल की ताड़ी को यूके में भी मान्यता मिल गई है। इसके साथ ही यह पेय अब ब्रिटेन के हाई-एंड पब, होटल और रेस्टोरेंट में बिक सकेंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक इन पेयों को जीआई टैग (भौगोलिक संकेत) के तहत संरक्षण मिलेगा और ये अब ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के ऑर्गेनिक और नेचुरल प्रोडक्ट बाजार में अपनी जगह बनाएंगे। इससे भारत के पारंपरिक स्वाद को वैश्विक पहचान मिलेगी और एक्सपोर्ट में भी भारी बढ़ोतरी की संभावना है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पहल भारत के अल्कोहलिक ड्रिंक्स सेक्टर के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। भारत अभी इस क्षेत्र में 40वें स्थान पर है लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक यह दुनिया के टॉप 10 अल्कोहलिक ड्रिंक निर्यातक देशों में शामिल हो जाए।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अल्कोहलिक ड्रिंक्स का निर्यात 2,200 करोड़ रुपये से अधिक रहा और यह 370.5 मिलियन डॉलर के करीब पहुंच चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक इसे 1 बिलियन डॉलर तक ले जाया जाए।
यूके में इन पारंपरिक ड्रिंक्स की एंट्री के साथ भारत को एक नया निर्यात बाजार मिलेगा। यूएई, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा पहले से ही भारत के मुख्य बाजार रहे हैं। अब ब्रिटेन जैसे प्रमुख बाजार के जुड़ने से भारतीय ब्रांड्स को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी अधिक पहचान मिलेगी।
यह समझौता भारत की “मेक इन इंडिया” और “लोकल टू ग्लोबल” रणनीति को मजबूती देता है। सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे किसानों, कारीगरों और स्थानीय ब्रांड्स को भी बड़ा लाभ मिलेगा।