
नई दिल्ली | 28 जुलाई 2025
संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऐतिहासिक सैन्य अभियान की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत के हमलों से पाकिस्तान इस कदर डर गया था कि उसने खुद भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की।
राजनाथ सिंह ने बताया कि 6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जबरदस्त सैन्य कार्रवाई की, जिसमें आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था, बल्कि भारत की संप्रभुता, अस्मिता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक निर्णायक कदम था।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने कोऑर्डिनेट हमलों में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया और सौ से अधिक आतंकवादी, उनके ट्रेनर और सहयोगी मारे गए। इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के आतंकियों को निशाना बनाया गया।
रक्षा मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान ने 10 मई को भारत पर मिसाइल, ड्रोन और रॉकेट से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षा तंत्र ने उसे पूरी तरह नाकाम कर दिया। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के हवाई अड्डों, सैन्य कमांड सेंटर्स और एयर डिफेंस सिस्टम को टारगेट किया।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से Tri Services Coordination का उदाहरण था, जिसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने एकजुट होकर अभियान चलाया। थलसेना ने नियंत्रण रेखा पर मोर्चा संभाला और हर पाकिस्तानी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया।
राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि तय किए गए सैन्य और राजनीतिक उद्देश्य पूरे हो चुके थे। पाकिस्तान के DGMO ने भारत से सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की, जिसके बाद 12 मई को दोनों देशों ने सहमति से ऑपरेशन को विराम दिया।
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की सैन्य शक्ति और मनोबल की ऐतिहासिक हार थी।