
मुंबई, 29 जुलाई 2025:
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को लगातार चौथे कारोबारी दिन बाजार लाल निशान में खुला, जिससे निवेशकों के करीब 13 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 180 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड करता नजर आया, जबकि निफ्टी 50 में भी कमजोरी जारी रही।
बीते शुक्रवार से बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। सोमवार को भी सेंसेक्स 572.07 अंक या 0.70% की गिरावट के साथ 80,891.02 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 156.10 अंक या 0.63% टूटकर 24,680.90 पर पहुंचा था। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर अनिश्चितता, अमेरिका में टैरिफ बढ़ने की आशंका और कुछ कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों की चिंता को और बढ़ा दिया है।
मंगलवार को भी बाजार खुलते ही बड़ी कंपनियों पर दबाव देखने को मिला। बैंकिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनियों जैसे HDFC, ICICI बैंक के साथ-साथ पावर ग्रिड और NTPC जैसी सरकारी कंपनियों के शेयरों में कमजोरी दर्ज की गई। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा स्टील जैसे कुछ स्टॉक्स में हल्की तेजी भी देखी गई, लेकिन समग्र माहौल नकारात्मक ही बना रहा।
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे 1 अगस्त की तारीख नजदीक आ रही है, अमेरिकी टैरिफ को लेकर बेचैनी और विदेशी निवेशकों की सतर्कता बाजार को प्रभावित कर रही है। लगातार चार दिन की इस गिरावट से BSE का मार्केट कैप करीब 13 लाख करोड़ रुपये घट चुका है।
माना जा रहा है कि जब तक वैश्विक स्तर पर व्यापारिक अनिश्चितताएं दूर नहीं होतीं और घरेलू स्तर पर कंपनियों के नतीजे स्थिर नहीं होते, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को फिलहाल सतर्कता बरतने और लॉन्ग टर्म रणनीति अपनाने की सलाह दी जा रही है।