नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025:
भारत और रूस के बीच ऊर्जा व्यापार अब केवल कच्चे तेल तक सीमित नहीं रहा है। अब भारत रूस से बड़े पैमाने पर नेफ्था—एक अहम पेट्रोकेमिकल—का भी आयात कर रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में भारत को रूस से करीब 2.5 लाख टन नेफ्था प्राप्त हुआ, जिससे वह ताइवान के साथ रूसी नेफ्था का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है।
नेफ्था एक हल्का हाइड्रोकार्बन है, जिसका उपयोग प्लास्टिक, सिंथेटिक फाइबर, रेजिन और अन्य केमिकल्स के निर्माण में होता है। इसकी पेट्रोकेमिकल उद्योग में भारी मांग है। यूरोपीय यूनियन द्वारा फरवरी 2023 में रूस के तेल उत्पादों पर बैन लगाए जाने के बाद रूस ने एशिया की ओर अपना निर्यात मोड़ लिया, जिससे भारत को सस्ती दरों पर नेफ्था खरीदने का अवसर मिला।
जनवरी से जून 2025 के बीच भारत ने 14 लाख टन से अधिक नेफ्था रूस से आयात किया। यह माल मुंद्रा, हजीरा और सिक्का जैसे पश्चिमी बंदरगाहों पर पहुंचा। पहले भारत यह नेफ्था यूएई से आयात करता था, लेकिन रूस से सस्ती कीमत मिलने के कारण अब आपूर्ति स्रोत बदल चुका है।
ताइवान ने भी जून में 2.34 लाख टन नेफ्था रूस से मंगाया, जो मई के मुकाबले दोगुना है। इसके अतिरिक्त सिंगापुर, मलेशिया, तुर्की और चीन भी प्रमुख आयातकों में शामिल हैं।
यूएई में जून 2025 में रूसी नेफ्था की आपूर्ति पूरी तरह बंद रही, मुख्यतः रेड सी क्षेत्र में हूती हमलों के चलते असुरक्षित रास्तों के कारण। इसके बदले व्यापारी अब केप ऑफ गुड होप मार्ग से तेल भेज रहे हैं।
भारत का यह कदम केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है, जिससे न केवल उद्योगों को सस्ता कच्चा माल मिल रहा है, बल्कि वैश्विक तेल अस्थिरता के बीच एक स्थायी आपूर्ति शृंखला भी विकसित हो रही है।