पटना, 30 जुलाई 2025:
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने दोनों वर्गों की प्रोत्साहन राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का ऐलान किया है। अब आशा वर्कर्स को हर माह 1,000 रुपये की जगह 3,000 रुपये और ममता वर्कर्स को प्रति प्रसव 300 रुपये की जगह 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा बुधवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से की। उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है और इसमें आशा व ममता कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम रही है। उनके योगदान को सम्मान देने और ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह बढ़ोतरी की गई है।
नीतीश कुमार ने बताया कि 2005 से अब तक राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर काम हुआ है। आशा और ममता कार्यकर्ताओं ने गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों और ग्रामीण जनता के बीच स्वास्थ्य सेवा की जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बिहार में आशा वर्कर्स ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय महिलाएं होती हैं जो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत कार्यरत हैं। वे गर्भवती महिलाओं की देखभाल, टीकाकरण, परिवार नियोजन, डाटा रिकॉर्डिंग और स्वास्थ्य जागरूकता जैसे कार्यों में जुटी रहती हैं। वहीं, ममता कार्यकर्ता मुख्यतः स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी अस्पतालों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं देती हैं।
मुख्यमंत्री इससे पहले राज्य के पत्रकारों के लिए भी पेंशन में वृद्धि और सफाईकर्मियों के लिए आयोग के गठन की घोषणा कर चुके हैं। अब चुनाव से ठीक पहले की गई यह घोषणा उनके चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है, जिससे वे ग्रामीण वोटबैंक को साधने की कोशिश में हैं।