
जम्मू, 30 जुलाई 2025
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भेजी गई एक 63 वर्षीय भारतीय अधिकारी की पत्नी रक्षंदा राशिद को अब भारत लौटने की इजाजत मिल गई है। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें विजिटर वीजा जारी करने का निर्णय लिया है ताकि वे अपने परिवार से दोबारा मिल सकें।
रक्षंदा राशिद जम्मू के तालाब खटिकान इलाके की रहने वाली हैं और पाकिस्तान की नागरिक हैं। वे पिछले 30 वर्षों से भारत में रह रही थीं। वर्ष 1990 में वे विजिटर वीजा पर भारत आई थीं और फिर एक भारतीय नागरिक शेख जहूर अहमद से विवाह कर लिया। इसके बाद उन्हें दीर्घकालिक वीजा दिया गया, जिसे हर वर्ष रिन्यू किया जाता रहा।
हालांकि, अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और लगभग 60 लोगों को पाकिस्तान वापस भेज दिया गया। इनमें रक्षंदा भी शामिल थीं जिन्हें 29 अप्रैल को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया।
उनके परिवार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि रक्षंदा का पाकिस्तान में कोई रिश्तेदार नहीं है, वे बीमार हैं और लाहौर के एक होटल में अकेली रह रही हैं। इस आधार पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि 10 दिनों के भीतर उनकी भारत वापसी की व्यवस्था की जाए।
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को सूचित किया कि सरकार ने उन्हें विजिटर वीजा देने का फैसला कर लिया है। मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली और न्यायमूर्ति राजनेश ओसवाल की संयुक्त पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय विशेष परिस्थितियों में लिया गया है और इसका उपयोग किसी अन्य मामले में उदाहरण के तौर पर नहीं किया जा सकता।
अब रक्षंदा राशिद भारत लौट सकेंगी और अपनी नागरिकता प्रक्रिया को फिर से आगे बढ़ा सकेंगी।