
अमरावती, 3 अगस्त 2025
अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाए जाने के फैसले को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गहरी चिंता जताई है। शनिवार को दारसी में आयोजित एक जनसभा के दौरान नायडू ने कहा कि इस कदम का सबसे ज्यादा असर राज्य के जलीय किसानों पर पड़ेगा, क्योंकि आंध्र प्रदेश भारत का एक प्रमुख जलीय उत्पादक राज्य है और निर्यात पर टैरिफ बढ़ने से किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसानों के साथ विचार-विमर्श कर एक व्यापक कार्य योजना तैयार की जाएगी ताकि उन्हें नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि अमेरिका में बढ़े टैरिफ से मत्स्य पालन व्यवसाय पर दबाव बढ़ेगा, लेकिन राज्य सरकार पहले से ही किसानों को रियायती दर पर बिजली दे रही है — मात्र 1.50 पैसे प्रति यूनिट।
नायडू ने यह भी कहा कि सरकार ने मछुआरों को दी जाने वाली सहायता राशि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर अब 20,000 रुपये कर दिया है। इसके अलावा, “मत्स्यकारा सेवालो” योजना के तहत 1 लाख से अधिक मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से भी इस मुद्दे पर दखल देने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अमेरिकी प्रशासन से वार्ता कर भारत के जलीय उत्पादों को टैरिफ से राहत दिलाई जाए।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान पर यह दर क्रमशः 20% और 19% रखी गई है। इससे भारत के निर्यात प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ सकता है।
नायडू ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने इस टैरिफ नीति के खिलाफ सार्वजनिक रूप से चिंता जाहिर की है, हालांकि उनकी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी एनडीए की सहयोगी है।






