
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 4 अगस्त 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी कई दिनों से गंगा के रौद्र रूप का सामना कर रही है। इस बीच सावन के अंतिम सोमवार को बाबा विश्वनाथ धाम पर लंबी कतारें दिखीं। काशी में गंगा संग श्रद्धा का भी सैलाब उमड़ पड़ा।

बता दें कि गंगा के बढ़ते जलस्तर ने काशी के घाट और मंदिरों को अपनी आगोश में ले लिया है। शहर और गांव पानी से घिरे है। इसके बीच सावन के आखिरी सोमवार को भक्तों का काफिला शिवालयों की ओर उद्घोष करते बढ़ चला। रुक-रुक कर हो रही बारिश भी भक्तों के जज्बे को डिगा न सकी। सुबह से ही ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के बीच हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को आतुर दिखे। शहर की सड़कों पर आस्था का अनोखा नजारा देखने को मिला। ड्रोन से कैद तस्वीरों में भक्तों की भीड़ समंदर-सी लहराती नजर आई। न बारिश की बाधा, न बाढ़ का खौफ—बाबा के बुलावे पर पहुंचे भक्तों ने साबित कर दिया कि सच्ची श्रद्धा हर मुश्किल को पार कर लेती है।

इससे पूर्व बीती रात भारी भीड़ जुटने की आशंका से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष और वाराणसी मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने काशी विश्वनाथ धाम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर की स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को त्रुटिहीन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने ललिता घाट से सरस्वती फाटक, भारत माता प्रतिमा और मुख्य परिसर का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने विशिष्ट रुद्राक्ष श्रृंगार की प्रगति का भी अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद त्रिवेणी संगम से लाए गए पवित्र जल से श्री विश्वेश्वर का षोडशोपचार पंचामृत अभिषेक किया गया, जिसमें श्रावण मास के सकुशल संपन्न होने की कामना की गई।






