
भोपाल, 7 अगस्त 2025
मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले के चुरहट के जंगल में एक दलित युवती के साथ पाँच लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार की भयावह घटना ने एक बार फिर राज्य में दलित महिलाओं के ख़िलाफ़ क्रूर हिंसा को उजागर कर दिया है। युवती अपनी सहेली के साथ जंगल में तस्वीरें खिंचवाने गई थी। लेकिन यह यात्रा उसके लिए ज़िंदगी बदल देने वाले दुःस्वप्न में बदल गई।
घटना का विवरण :
जंगल के रास्ते पर चलते हुए, पाँच हमलावरों ने प्रेमी युगल पर हमला कर दिया। उन्होंने लड़की की सहेली के सिर पर डंडे से वार किया और उसे घसीटकर जंगल में ले गए। लड़की ने उठकर माफ़ी माँगी, लेकिन हमलावरों को ज़रा भी दया नहीं आई। उनमें से दो ने उसकी सहेली को पकड़ लिया, जबकि बाकी तीन ने उसके साथ बलात्कार किया। वारदात के बाद, उन्होंने उसे घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी, उनके मोबाइल फोन छीन लिए और घने जंगल में भाग गए।
पुलिस कार्रवाई :
घायल और रोती हुई बच्ची जंगल से निकलकर दोपहर ढाई बजे पास के एक गाँव में निर्माण स्थल पर पहुँची और मजदूरों को अपनी आपबीती सुनाई। स्थानीय सरपंच के पति दलबीर सिंह गोंड की मदद से पुलिस तक सूचना पहुँची। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुँची और जंगल में खून से सना एक तौलिया और संघर्ष के निशान मिले। रात भर आसपास के गाँवों में संदिग्धों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया गया।
पुलिस का बयान :
ज़िले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस घटना को “बेहद वीभत्स” बताया और कहा कि युवती का इलाज प्राथमिकता है। हालाँकि इलाके की दूरस्थता और सीसीटीवी की कमी ने जाँच में बाधा डाली है, फिर भी उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपियों को कानून के अनुसार पूरी सज़ा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा राज्य विधानसभा में उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में, मध्य प्रदेश सरकार ने बताया कि 2022 से 2024 तक दलित और आदिवासी महिलाओं के खिलाफ 7,418 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। यह औसतन प्रतिदिन सात मामले हैं। इसी अवधि में 338 सामूहिक बलात्कार और 558 हत्याएँ दर्ज की गईं।






