
नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025
एससी और एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। शीर्ष अदालत ने इस पर गौर करने के बाद सुनवाई के लिए हामी भर दी है। साथ ही, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागजी धर्मस्थानम ने याचिकाकर्ताओं को इस मामले में भारी विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।
हालाँकि, याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि वे एससी और एसटी आरक्षण के विरोधी नहीं हैं और केवल यह चाहते हैं कि इस आरक्षण का लाभ उन लोगों तक पहुँचे जो इसके हकदार हैं। याचिका में कहा गया है कि इनमें से कुछ पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ मिलने और आर्थिक रूप से तरक्की करने के बाद भी, उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना जारी है।
वहीं, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों से जुड़े याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में यह मामला दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि इन्हीं समुदायों के आर्थिक रूप से पिछड़े निम्न वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने इस समस्या के समाधान और सभी के लिए समान और निष्पक्ष आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाने की मांग की है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि चूँकि आरक्षण प्राप्त करने वाले समूहों में से केवल आर्थिक रूप से स्थिर लोगों को ही इसका लाभ मिलता है, इसलिए सबसे निचले तबके के लोगों को आगे बढ़ने का कोई अवसर नहीं मिलता। इसलिए, उन्होंने मांग की कि इन आरक्षणों के लिए आर्थिक मानदंड लागू किए जाएँ।






