नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में एकराकोटा से मुख्य भाषण दिया और अर्थव्यवस्था की प्रगति के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी बात की। प्रधानमंत्री ने भारत में मोटापे की बढ़ती समस्या पर बात की। इसे भारत के लिए एक बड़ा खतरा बताते हुए, मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए और हर परिवार को खाना पकाने के तेल का सेवन 10 प्रतिशत कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेल की खपत कम करना न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों के लिए वज़न कम करना ज़रूरी है ताकि आने वाले दिनों में भारत को स्वास्थ्य संकट का सामना न करना पड़े। मोदी ने चेतावनी दी कि देश में 10 करोड़ लोग पहले से ही मधुमेह से पीड़ित हैं। 25 प्रतिशत युवाओं का मोटापे से ग्रस्त होना स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देगा और परिवारों को आर्थिक रूप से भी प्रभावित करेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में देश में मोटापे से ग्रस्त लोगों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई जा चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्वस्थ युवा देश की प्रगति का हिस्सा नहीं हैं और मोटापे को बड़ी समस्या बनने से पहले ही हमें सतर्क हो जाना चाहिए। ज्ञातव्य है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लंबे समय से लोगों में रिफाइंड कुकिंग ऑयल के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जताते रहे हैं। इसके साथ ही, अब समय आ गया है कि भारतीय अपने पूर्वजों द्वारा अपनाए गए खाना पकाने के तरीकों की ओर लौटें, ऐसा कहना है उन विशेषज्ञों का, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले के भाषण से युवा समझ नहीं पा रहे हैं।
इसके अलावा, मौजूदा दौर में जहाँ स्वास्थ्य पर ख़र्च दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और अस्पताल जाना एक आम बात हो गई है, जहाँ जान बचती है और संपत्ति नष्ट होती है, प्रधानमंत्री मोदी के शब्द बिना कहे ही बता देते हैं कि अब समय आ गया है कि लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अप्रत्यक्ष रूप से देश का स्वास्थ्य बजट बढ़ेगा। हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस संबंध में नीतिगत बदलाव ज़रूरी हैं। जंक फ़ूड की मार्केटिंग, स्कूलों में पोषण और बीएमआई ट्रैकिंग पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है।