
टीकमगढ़, 21 अगस्त 2025
देशभर में इस समय बिहार के SIR (वोटर लिस्ट रीविजन) और वोट चोरी को लेकर चल रहे बवाल के बीच मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में बड़ा मामला सामने आया है। यहां केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ. वीरेन्द्र खटीक के घर के पास से बुधवार देर शाम लगभग आधा सैकड़ा वोटर आईडी कार्ड बरामद हुए, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
दरअसल, विपक्ष बिहार के SIR को लेकर लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो यहां तक दावा किया कि वोट चोरी हुई है और इसके सबूत भी पेश किए हैं। ऐसे माहौल में मंत्री के घर के पास वोटर आईडी मिलना विवाद को और गरमा गया है।
सांसद प्रतिनिधि विवेक चतुर्वेदी ने इस पूरे मामले को षड्यंत्र करार दिया है। उनका आरोप है कि डॉ. वीरेन्द्र कुमार की छवि खराब करने के मकसद से यह साजिश रची गई। चतुर्वेदी ने दावा किया कि पड़ोस में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के एक शासकीय कर्मचारी ने इन कार्डों को फेंका है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया, हालांकि उसमें साफ तौर पर वोटर आईडी फेंकते हुए नहीं दिखा, बल्कि एक महिला कचरा जैसा कुछ डालती नजर आई।
वहीं, प्रशासन ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि मिले सभी वोटर आईडी कार्ड साल 2011 के बने हुए हैं और निर्वाचन शाखा उनकी जांच कर रही है। तहसीलदार सतेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फिर भी इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—आखिर इतनी बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड वहां कैसे पहुंचे? इनका इस्तेमाल किस मकसद से किया जा सकता था? और जब देश पहले से ही वोट चोरी के आरोपों से गरमाया हुआ है, तब केंद्रीय मंत्री के घर के पास इन कार्डों का मिलना क्या महज इत्तेफाक है या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा?