लखनऊ, 24 अगस्त 2025 :
यूपी में सीएम की तारीफ के बाद सपा से निष्कासित की गईं विधायक पूजा पाल के मामले में पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने मीडिया से रूबरू होकर पूजा पाल को भाजपा का मोहरा बताया। कहा कि इस बहाने बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है। अगर उन्हें जान का खतरा है तो गृहमंत्री अमित शाह इसकी जांच कराएं। इस बारे में अमित शाह को एक पत्र भेजे जाने का भी हवाला दिया।
विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम योगी की तारीफ के बाद हुआ था विधायक का निष्कासन
बता दें गत 14 अगस्त को यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सपा विधायक के बयान से निकला सियासी बवंडर थम नहीं रहा है। दरअसल सपा विधायक ने मानसून सत्र में उनके पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए सीएम योगी की तारीफ की थी। इसी के बाद उन्हें सपा मुखिया ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद पूजा पाल ने अपनी जान का खतरा बताकर हत्या की आशंका जताई थी और ये भी कहा था कि उन्हें कुछ होगा तो सपा और अखिलेश यादव जिम्मेदार होंगे।
सपा मुखिया ने जान के खतरे के आरोप पर दी प्रतिक्रिया पार्टी ने भेजा गृहमंत्री को पत्र
इसी आरोप पर प्रतिक्रिया देने के लिए सपा मुखिया ने रविवार को प्रेस वार्ता बुलाई और पलटवार किया।
कहा कि भाजपा पूजा पाल को मोहरा बनाकर सपा के खिलाफ दुष्प्रचार करवा रही है। दरअसल भाजपा के लोग फ्रस्टेट हो गए हैं इसीलिए अमर्यादित हरकतें कर रहे हैं। उन्हें 2027 के विधानसभा चुनाव में अपनी हार स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि सपा के हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने विधायक पूजा पाल के जान का खतरा होने के आरोप पर गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है कि मामले की पूरी जांच करवाई जाए। पत्र में कहा गया है कि पूजा पाल को समाजवादी पार्टी ने ही विधायक बनाया। जब व्यक्तिगत जीवन में वे संकट में घिरी थीं तब समाजवादी पार्टी और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके साथ खड़े हुए थे और हर सम्भव मदद की। अचानक पूजा पाल को, जो पहले पूरी तरह से समाजवादी पार्टी में सुरक्षित थी, भाजपा के सम्पर्क में आने के बाद उन्हे अपनी जानमाल की चिंता होने लगी।
कहा…सीएम से मिलने के बाद ही पूजा पाल ने दिया है बयान
दरअसल सच तो यह है कि मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनका बयान आया है कि उनकी जान को खतरा समाजवादी पार्टी से है और उन्हे कुछ हुआ तो समाजवादी पार्टी उसकी जिम्मेदार होगी। पूजा पाल को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके जीवन को खतरा किससे है। जबकि जीवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है। ऐसी दशा में श्रीमती पूजा पाल के निराधार और अमर्यादित आरोप की जांच जरूरी है।