लखनऊ, 31 अगस्त 2025:
यूपी एसटीएफ और औषधि विभाग की एक संयुक्त टीम ने लखनऊ में एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन में मिलावट कर उसे महंगे दामों पर बेच रहा था। टीम ने पारा इलाके के सदरौना में एक मकान के अंदर चल रही अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान लखनऊ में ठाकुरगंज निवासी इरफान, रहीमाबाद का दिलदार, लखीमपुर खीरी के ईसानगर निवासी शहनवाज और रायबरेली के दर्जिन टोला तिलिया कोर निवासी मो. साहेबे के रूप में हुई है।
ऐसे तैयार करते थे मिलावटी इंजेक्शन
एसटीएफ के मुताबिक गिरोह बिहार से मिनरल वाटर के नाम पर उच्च घनत्व वाले ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन मंगाता था। इसके बाद लखनऊ स्थित ठिकाने पर इसमें नमक मिलाकर इसकी मात्रा बढ़ाई जाती थी। इस मिलावटी घोल को फिर अलग-अलग एम्पुल में पैक कर दिया जाता था। एसटीएफ के एडिशनल एसपी लाल प्रताप सिंह ने बताया कि तस्कर इस इंजेक्शन को थोक में 20 रुपये प्रति 100 मिलीलीटर की दर से खरीदते थे। मिलावट के बाद इसे 80 रुपये में बेचते थे। यही इंजेक्शन फुटकर में किसानों और डेयरी संचालकों को 200 रुपये में बेचा जाता था।
बड़ी मात्रा में हुई बरामदगी
छापेमारी के दौरान टीम ने मौके से 5 लीटर के 20 गैलन और 39 बोरी में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद किए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये बताई गई है। इसके अलावा इंजेक्शन में मिलावट के लिए इस्तेमाल होने वाला बड़ी मात्रा में नमक भी जब्त किया गया है। यह गिरोह लखनऊ सहित सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई, बलरामपुर, बहराइच और उन्नाव जैसे आसपास के कई जिलों में भी इस मिलावटी इंजेक्शन की आपूर्ति कर रहा था।
स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक
यह मिलावटी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इसका उपयोग मुख्य रूप से पशुओं से अधिक दूध निकालने और सब्जियों व फलों को तेजी से बढ़ाने के लिए किया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार इस इंजेक्शन के सेवन से मानव शरीर में हार्मोनल असंतुलन, पेट की समस्याएं, चिड़चिड़ापन, तनाव और एलर्जी जैसी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं। दूध में ऑक्सीटोसिन की मिलावट से शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली, सूजन और सांस लेने में दिक्कत भी आ सकती है। यह बांझपन (इनफर्टिलिटी) का भी एक बड़ा कारण बन सकता है।