अयोध्या, 3 सितंबर 2025:
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, रविवार 7 सितंबर को साल का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चंद्रग्रहण के कारण सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से ही प्रारंभ हो जाएगा।
ग्रहण काल में परंपरानुसार मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। अयोध्या में दोपहर बाद से ही रामलला के दर्शन बंद हो जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर सहित धाम के प्रमुख मठ-मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी। ग्रहण समाप्ति के बाद शुद्धिकरण विधि संपन्न होने पर 8 सितंबर की सुबह से पुनः दर्शन शुरू होंगे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिसे चंद्रग्रहण कहते हैं। इस बार चंद्रग्रहण कुंभ राशि और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है।
ग्रहण का असर राशियों के साथ-साथ सामाजिक और प्राकृतिक परिस्थितियों पर भी देखा जा सकता है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि जल तत्व से जुड़ा होने के कारण समुद्र में हलचल, तूफान, बाढ़ और भारी वर्षा की संभावना अधिक रहती है। यह चंद्रग्रहण एशिया, यूरोप, अफ्रीका सहित विश्व के कई हिस्सों में भी दिखाई देगा।