
लखनऊ, 9 सितंबर 2025:
यूपी के माफिया डॉन रहे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा में सदस्यता बहाल हो गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा 2022 के एक भड़काऊ भाषण मामले में उनकी सजा को निलंबित करने के बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी कर दिया। इस फैसले के साथ ही मऊ सदर सीट पर होने वाला संभावित उपचुनाव टल गया है।
अब्बास अंसारी को 31 मई को मऊ की एक स्थानीय अदालत ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक भड़काऊ भाषण देने के मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद गत एक जून को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप मऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया था।
अब्बास अंसारी ने स्थानीय अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। कोर्ट ने 20 अगस्त को अब्बास के विरुद्ध पारित दोष सिद्धि के आदेश को निलंबित कर दिया। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद विधानसभा सचिवालय ने कानूनी राय ली और 18 दिनों के बाद उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी कर दिया। विधानसभा सचिवालय ने जून को जारी की गई अधिसूचना को भी रद्द कर दिया, जिसमें मऊ सीट को रिक्त घोषित किया गया था।
अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाली से मऊ की राजनीति पर सीधा असर पड़ा है। उनकी सदस्यता खत्म होने के बाद उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई थी। कई संभावित उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ रहे थे। हालांकि, अब इस फैसले के बाद मऊ में उपचुनाव की आवश्यकता समाप्त हो गई है। अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर विधायक हैं। उनकी वापसी से पार्टी की स्थिति भी मजबूत हुई है।
मुश्किलें अभी भी जारी
हालांकि, अब्बास अंसारी के लिए मुश्किलें पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं। उनके खिलाफ कई अन्य मुकदमों की सुनवाई अभी भी जारी है। फिर भी, यह फैसला उनके और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक यात्रा जारी रह पाएगी।






