
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 20 सितंबर 2025:
यूपी के वाराणसी जिले में दरोगा पिटाई कांड में शनिवार को वकील सड़कों पर उतर आए। गुस्साए वकीलों ने पुलिस कमिश्नर और डीएम कार्यालय का घेराव किया। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान वकीलों ने कहा कि दरोगा की पिटाई मामले के बाद पुलिस किसी राजनैतिक दल की तरह काम कर रही है। बिना जांच कार्रवाई की मंशा को पूरी नहीं होने दिया जाएगा। प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने कई अफसरों पर बदसलूकी का आरोप भी लगाया।
बता दें कि गत 16 सितंबर को बड़ागांव थाने के दरोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही कचहरी में रिमांड पर्चा लेने पहुंचे थे। वकीलों ने दरोगा को घेरकर पिटाई कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद वकीलों के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दरोगा के परिवार ने धरना भी दिया था। कचहरी में हुआ ये बवाल सुर्खियों में रहा। पुलिस महकमे के खिलाफ वकीलों ने भी मोर्चा खोल दिया और घटना के बाद ADCP नीतू कादयान पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया।

इस मामले में 17 सितंबर को वकील राघवेंद्र नारायण दुबे ने CJM कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया गया कि कैंट थाना प्रभारी और कचहरी चौकी प्रभारी ने वकीलों को गालियां दीं और लाठी-डंडों से हमला किया। याचिका में दावा किया गया कि ADCP नीतू कादयान और थाना प्रभारी ने कचहरी गेट नंबर दो को ताला लगाकर बंद कर दिया और वकीलों पर ईंट-पत्थर फेंके गए। वकीलों ने मांग की है कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए।
शनिवार को एक बार फिर से वकीलों ने प्रदर्शन किया। नारेबाजी से तनाव के हालात बने रहे पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इस मामले में CJM कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। वकीलों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे। वकीलों का कहना है कि बड़ागांव थाने में हुए विवाद से लेकर कचहरी तक हुई घटना को जोड़कर जांच की जाए। पुलिस दोषियों पर कार्रवाई करे अधिवक्ता समाज उनके साथ है लेकिन पुलिस एक पक्ष का होकर कार्रवाई कर रही है। घटना की सच्चाई की तह में जाने से ज्यादा जोर गिरफ्तारी और दिया जा रहा है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।






