
देहरादून, 23 सितंबर 2025:
उत्तराखंड के देहरादून जनपद में हाल ही में आई आपदा से हुए भारी नुकसान और पुनर्स्थापना कार्यों की समीक्षा के लिए डीएम सविन बंसल ने कलेक्ट्रेट सभागार में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
डीएम ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्य प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग बजट स्वीकृति का इंतजार न करें और तत्काल व्यवस्था बनाकर जिला प्रशासन व शासन को प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
डीएम ने बताया कि 15 सितंबर की रात हुई अतिवृष्टि से जनपद में अब तक 211 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित क्षति दर्ज की गई है, हालांकि सर्वेक्षण अभी जारी है। प्रभावित क्षेत्रों में मझाड़, कार्लीगाड, फुलैत, छमरोली, क्यारा, सरोना, भीतरली किमाड़ी, सिल्ला, चामासारी, पुरकुल और धनोला शामिल हैं।
विभागवार प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार नुकसान
-लोनिवि को लगभग 46 करोड़ रुपये का नुकसान,
-पीएमजीएसवाई को 26.38 करोड़ रुपये,
-पेयजल निगम को 18.23 करोड़ रुपये,
-जल संस्थान को 13.31 करोड़ रुपये,
-विद्युत विभाग को 10.63 करोड़ रुपये,
-शिक्षा विभाग को 4.18 करोड़ रुपये,
-ग्रामीण विकास विभाग को 4.15 करोड़ रुपये,
-कृषि विभाग को 54 लाख रुपये,
-उद्यान विभाग को 8.78 लाख रुपये और
-स्वास्थ्य विभाग को 35 लाख रुपये की क्षति हुई है।
इसके अलावा एनएचआई के अधीन फनवैली के पास जाखन पुल एप्रोच को भी क्षति पहुंची है, जिसकी अनुमानित लागत 13.46 करोड़ रुपये है।
डीएम ने लोनिवि और पीएमजीएसवाई को विशेष निर्देश दिए कि संपर्क विहीन गांवों को तुरंत सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाए। साथ ही बिजली, सड़क और पेयजल जैसी मूलभूत सेवाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों को घर, खेत और फसलों की क्षति का त्वरित मुआवजा “हैंड टू हैंड” प्रदान किया जाए। इस अवसर पर सीडीओ अभिनव शाह, एडीएम केके मिश्रा, सिंचाई, लोनिवि, यूपीसीएल, जल संस्थान, पीएमजीएसवाई के अधीक्षण अभियंता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।