
लखनऊ, 25 सितंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में नसबंदी विफल होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। क्षेत्र के भुलसी गांव निवासी इंद्रजीत ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी की नसबंदी 19 जुलाई 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मलिहाबाद में कराई गई थी। इसका प्रमाण पत्र भी जारी हुआ था।
लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह रही कि ऑपरेशन के आठ महीने बाद गत 28 मार्च को उनकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। पहले से ही चार बच्चों की जिम्मेदारी उठाने वाले परिवार के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं रही।
पीड़ित परिवार ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई और नसबंदी करने वाली सीएचसी की डॉ. मोनिका अग्रवाल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की।
इस मामले पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि नसबंदी विफल होने के मामले दुर्लभ हैं, लेकिन सामने आते रहते हैं। सरकार से ऐसे मामलों में तीस हजार रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है।
अस्पताल प्रशासन ने मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है और मामले की जांच भी की जा रही है। क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाने लगे हैं।