
लखनऊ, 26 सितंबर 2025 :
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 3,96,602 छात्र-छात्राओं के खाते में 89.96 करोड़ की धनराशि का ट्रांसफर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जल्द वन नेशन वन स्कॉलरशिप की व्यवस्था होगी। छात्र के एडमीशन लेने के बाद खुद उसके अकाउंट में छात्रवृत्ति पहुंच जाएगी।
बता दें कि अभी तक हर साल फरवरी-मार्च में छात्रवृत्ति वितरण होता था। इस दफा पहली बार सितंबर माह में छात्रवृत्ति वितरित की गई। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए समारोह में सीएम ने मंच पर कई छात्रों को स्कॉलरशिप सौंपी। वहीं 3,96,602 छात्र-छात्राओं को 89.96 करोड़ की धनराशि का हस्तांतरण उनके बैंक खातों में किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने 2025-26 में वंचित वर्गों को 2,825 करोड़ की छात्रवृत्ति अब तक वितरित की है। छात्रवृत्ति DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थी के अकाउंट में जा रही है। साथ ही प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आने वाले समय में ‘वन नेशन-वन स्कॉलरशिप’ की व्यवस्था होने जा रही है

योगी ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षा की एक बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में वंचितों को स्कॉलरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था के साथ जोड़कर उत्तम और बेहतरीन शिक्षा के माध्यम से उनके विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अब आने वाले समय में एक साथ स्कॉलरशिप मिलेगी। एक क्लिक से छात्र के स्कूल में एडमिशन लेते ही, जैसे ही पोर्टल के माध्यम से आएगा कि छात्र ने एडमिशन ले लिया, छात्रवृत्ति उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी
सीएम ने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जो प्रधानमंत्री की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को साकार करने में सहायक हो सकता है। हमारा ही देश है, जिसने शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया। वर्ष 2016 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति ही नहीं दी गई थी। जब वर्ष 2017 में हमारी सरकार आई, तो हमने वर्ष 2016-17 और वर्ष 2017-18 की भी छात्रवृत्ति एक साथ प्रदेश के सभी बच्चों को उपलब्ध करवाई थी।
योगी ने कहा कि हमें बंटना नहीं है, एकजुट होकर बेहतर शिक्षा के लिए हर छात्र को स्कूल तक पहुंचाना है, हर वंचित को स्कूली शिक्षा के साथ जोड़ना है। जो स्कॉलरशिप आपको दी गई है। इसका लाभ अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए करें। हर व्यक्ति में सामर्थ्य है, शक्ति है, हुनर है। उसके लिए प्लेटफॉर्म देना शिक्षण संस्थानों का काम होना चाहिए और संस्थानों को सपोर्ट करने का काम सरकार का होना चाहिए। यह सब मिलकर के काम करेंगे तो हम एक बेहतर भविष्य को और बेहतर बनाने में सफल हो सकते हैं।






