
लखनऊ, 29 सितंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के कसमंडी कला में राजा कंसा पासी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने राजा कंसा पासी की लगभग एक हजार वर्ष पूर्व (सन् 1030) की वीरता और बलिदान की प्रेरणादायी गाथा सुनाई।
डॉ. शर्मा ने बताया कि जब महमूद गजनवी के भांजे सैयद सालार मसूद गाजी ने एक लाख से अधिक सैनिकों के साथ गढ़ी जिंदौर (मलिहाबाद) पर आक्रमण किया था, तब राजा कंसा पासी ने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि राजा कंसा पासी और उनके पुत्र मल्हीय-सल्हीय की स्मृति आज भी मलिहाबाद और संडीला के नाम में जीवित है।
उन्होंने राजा लाखन पासी की शौर्यगाथा का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार सैयद सालार मसूद गाजी ने धोखे से उनका सिर काट दिया। बाद में लाखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर ही लखनऊ का नाम पड़ा।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कहा कि राजा कंसा पासी का संघर्ष हमें यह सिखाता है कि धर्म की रक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने ऐलान किया कि कसमंडी कला में शीघ्र ही राजा कंसा पासी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।मलिहाबाद विधायक जय देवी कौशल ने घोषणा की कि गांव में राजा कंसा पासी के नाम पर एक भव्य प्रवेश द्वार भी बनाया जाएगा।
महोत्सव में विधायक अमरेश रावत, विधायक बृजेश रावत, ब्लॉक प्रमुख निर्मल वर्मा, माल ब्लॉक प्रतिनिधि रामकुमार राही सहित कई जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों व भजनों के जरिए राजा कंसा पासी की गाथा को जीवंत किया गया।