
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 30 सितंबर 2025:
यूपी की शिवनगरी काशी में शारदीय नवरात्र पर्व के आठवें दिन मां महागौरी की भक्ति का उल्लास छाया हुआ है। मां भगवती के इस स्वरूप की पूजा के लिए पंचगंगा घाट स्थित मंगला गौरी मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप मां अन्नपूर्णा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। जयकारों और भक्ति भजनों से मंदिरों का प्रांगण गूंज उठा है।
काशी में आज मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, ताकि श्रद्धालु सुगमता से दर्शन कर सकें। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर काशी की गलियां भक्ति और उमंग से सराबोर हैं। मंगला गौरी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों का कहना है कि मां मंगला गौरी मंगल ग्रह के दोष और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करती हैं।
महंत के अनुसार, सावन मास से 14 मंगलवार तक मां की पूजा, अन्न दान और दीप प्रज्वलन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंगला गौरी मंदिर के महंत ने बताया कि मां की पूजा में ‘सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके…’ मंत्र का जाप विशेष फलदायी है। खासकर विवाहित महिलाएं अक्षत, सिंदूर, लाल-पीले फूल, चुनरी और नारियल अर्पित कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
मां अन्नपूर्णा को देवी पार्वती का अन्नदान करने वाला स्वरूप माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब धरती पर भयंकर अकाल पड़ा था, तब मां अन्नपूर्णा ने भगवान शिव को भिक्षा देकर काशी में यह वचन दिया था कि यहां कोई भूखा नहीं रहेगा। तब से काशी में मां अन्नपूर्णा का मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। श्रद्धालु यहां अन्न-धन और वैभव के आशीर्वाद के लिए दर्शन-पूजन कर रहे हैं।