अंशुल मौर्य
वाराणसी, 14 दिसंबर 2024:
यूपी के काशी के कारीगर भी महाकुंभ में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने विशेष गमछे तैयार किए हैं। इन गमछों में महाकुंभ की गाथा को दर्शाया गया है। महाकुंभ की उत्पत्ति और समुद्र मंथन के चित्रण के साथ-साथ महाकुंभ से जुड़े प्रमुख बिंदुओं को छापा गया है।
कई लोगों की मेहनत से तैयार हुआ बनारसी गमछा
इस खास गमछे की डिजाइन तैयार करने में काफी मेहनत की गई है। इसका डिजाइन तैयार करने वाली सौम्या यदुवंशी का कहना है कि यह पहला गमछा है जिसमें समुद्र मंथन और महाकुंभ को शामिल किया गया है। यह गमछा कारीगरी के उदाहरण के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है। गमछे को तैयार करने के लिए पहले कंप्यूटर पर डिज़ाइन तैयार किया गया और फिर इसे कॉटन के कपड़े पर छापा गया।
आम लोगों को 80 रुपये में मिलेगा गमछा
ये गमछे अंकित और विकास द्वारा तैयार किए गए। विकास के मुताबिक गमछे में महाकुंभ की पूरी कथा को दर्शाया गया है। यह सनातन धर्म के प्रचार के लिए तैयार किया गया है। एक गमछे की कीमत 80 रुपये रखी गई है, जिससे आम लोगों भी आसानी से ले सकें।
साधु-संतों को निशुल्क दिए जाएंगे 1000 गमछे
बनारसी साड़ी बेचने वाले लोग विशेष गमछों को काशी से प्रयागराज के महाकुंभ तक पहुंचाएंगे। पहले 1000 गमछे साधु-संतों को निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद ये गमछे सनातन धर्म के प्रचार के लिए बिना किसी लाभ के लागत मूल्य पर कुंभ क्षेत्र में लोगों को दिए जाएंगे।