वाराणसी के जर्जर भवनों से मंडराता मौत का खतरा, प्रशासन अलर्ट पर, बड़ी कार्रवाई की तैयारी

thehohalla
thehohalla

वाराणसी, 16 सितंबर 2024

सावन बीतने के बाद भी एक बार फिर तेज बारिश और गंगा में आई बाढ़ ने काशीवासियों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है। दरसल, इतिहास से भी पुरातन शहर बनारस के जर्जर भवन को लेकर खतरा मंडराने लगा है। बीते दिनों काशी के पक्के महाल के दर्जनों मकान तास के पत्तों की तरह ढह चुके हैं। जिसमें तीन-चार लोगों की मौत हुई, तो दर्जनों की संख्या में लोग घायल हुए। इन घटनाओं को देखते हुए नगर निगम जर्जर भवन को लेकर अलर्ट मोड में है। नगर निगम ने शहर में 76 अतिजर्जर भवनों को चिह्नित किया है। अब इन्हें खाली कराया जाएगा। इनमें से 70 भवन दशाश्वमेध और कोतवाली जोन में ही हैं। कुल 489 जर्जर भवनों की सूची में 76 खतरनाक श्रेणी में हैं।

एक्शन मोड में नगर निगम

वाराणसी में मौत को दावत दे रहे भवनों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त ने दो दिन की वार्निंग दी है। तय सीमा के अंदर न गिराने पर भवन स्वामियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। भवन स्वामियों को नगर निगम, अधिनियम की धारा 334 की उपधारा-3 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी।सभी भवन स्वामियों को इसके लिए नगर निगम अधिनियम की धारा 331 (1) (2) के अन्तर्गत नोटिस दी गयी है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि भवन स्वामी / अध्यासी को उक्त नोटिस के सापेक्ष अपने जर्जर भवन को गिरवा दें या तत्काल मरम्मत करा दें।

कानूनी दांव पेंच में फंसता मामला

नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो जर्जर भवन में कई बार ऐसा होता है कि मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद होता है। ऐसे जर्जर मकानों को गिराने में कानूनी अड़चनें भी आती हैं। इसके लिए कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ऐसे भवनों के ध्वस्तीकरण का काम करता है, तब तक हादसा न हो इसके लिए दोनों पक्ष को घर खाली करने के निर्देश दिया जाता है। बता दें, गलियों के शहर काशी में लगभग 500 जर्जर भवन के हालात काफी खराब हैं। किसी की दीवार एकदम जर्जर है तो किसी का पिलर एक तरफ गिरकर पड़ा हुआ है तो किसी का छत लटक रहा है। ऐसे में बड़े हादसों से इंकार नहीं किया जा सकता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *