तिरुपति के लड्डू विवाद के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद का ‘रियलिटी टेस्ट’

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अंशुल मौर्या

वाराणसी, 21 सितंबर 2024

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डुओं को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ तो द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद पर भी सवाल खड़े हो गए। लिहाजा, लड्डू बनाने के दौरान उसकी गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता की जांच करने काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह पहुंचे। प्रसाद की सैम्पलिंग हुई और सब कुछ ठीक मिला।

उन्होंने लड्डू बनाने की पूरी प्रक्रिया को शुरू से लेकर आखिर तक जांचा और उन्होंने और उनकी पूरी टीम ने खुद भी लड्डू चखे। इस दौरान उन्होंने बताया कि जब से तिरुपति बालाजी के प्रसाद की खबर मीडिया में आई है, तब से काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी तरह से प्रसाद की जांच में जुट गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूरे देश में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। इसलिए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच खाद्य विभाग द्वारा की जाती है। ताकि गुणवत्ता बनी रहे। लैब टेस्ट के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि घी की लैब रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। लेकिन दोबारा संतुष्टि के लिए एक बार फिर सैंपलिंग की जा रही है।

उन्होंने बताया कि बाबा विश्वनाथ जी को चढ़ने वाला प्रसाद मंदिर के पुजारी खुद बनाते है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की सप्लाई के लिए वेंडर से टाइअप किया हुआ है। दरसल, तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटे जाने वाले लड्डू को लेकर बढ़ते विवाद के बीच इसको लेकर देश भर के बड़े मंदिरों में बनने वाले प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता पर सवाल उठ रहे हैं और सभी मंदिर अपने-अपने तरीके से आश्वस्त होने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें वाराणसी का द्वादश ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ मंदिर भी शामिल है, जहां से श्रद्धालु हर दिन करीब एक हजार किलो महाप्रसाद यानी लड्डू खरीदते हैं।

गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ख्याल

लड्डू बनाने वाले वेंडर अशोक हलवाई ने बताया कि गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ख्याल रखा जाता है। यहां तक कि मजदूरों के खान-पान और वह खुद लहसुन, प्याज या नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। मजदूर मास्क पहनकर लड्डू बनाते हैं। उन्हें खाने-पीने के लिए भवन से बाहर दूसरी जगह जाना पड़ता है और शौच के लिए भी दूसरी जगह जाना पड़ता है।

पूरी साफ-सफाई का ख्याल रखते हुए बनता हैं लड्डू

उन्होंने बताया कि उनके लड्डू बनाने के काम में सिर्फ सनातनी ही लगे हैं, गैर सनातनी का तो सवाल ही नहीं उठता। लड्डू बनाने में लगी कारीगर रेखा ने बताया कि वह सुबह नहाकर घर आती हैं और फिर पूरी साफ- सफाई का ख्याल रखते हुए लड्डू बनाती हैं। खाने-पीने या शौच के लिए दूसरी जगह (बाहर) जाना पड़ता है। मजदूर अभिषेक ने भी बताया कि साफ- सफाई का पूरा ख्याल रखा जाता है।

तिरुपति बालाजी के प्रसाद में जानवर की चर्बी

बता दें, आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद (लड्डू) को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सवाल उठाए हैं। सीएम ने आरोप लगाया है कि जिस घी से लड्डू का प्रसाद तैयार किया जाता था, उसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी की मिलावट पाई गई है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने कहा है कि जिस ब्लैक लिस्टेड सप्लायर के घी में मिलावट मिली है, उसे जगन मोहन सरकार के दौरान ठेका दिया गया था। इस घटना के बाद देशभर के बड़े मंदिरों के श्रद्धालुओं में डर का माहौल बना हुआ है।

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