
लखनऊ, 7 अक्टूबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सहारा शहर को कब्जे में लेने की नगर निगम की कार्रवाई को सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने गैरकानूनी बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली है। कंपनी ने लखनऊ पीठ में याचिका दायर कर नगर निगम के 8 और 11 सितंबर को जारी आदेशों को रद्द करने की मांग की है। याचिका पर इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।
कंपनी का कहना है कि नगर निगम ने बिना उनका पक्ष सुने सहारा सिटी की जमीन पर जबरन कार्रवाई की। सहारा के अनुसार इस मामले में पहले ही सिविल कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त है और 2009 से चल रही मध्यस्थता प्रक्रिया में नगर निगम को लीज एग्रीमेंट बढ़ाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद निगम ने आदेशों की अनदेखी की और 27 सितंबर को लीज निरस्त कर भूमि पर कब्जा करने के लिए बोर्ड लगा दिए।
उधर, सहारा शहर के कर्मचारियों ने बकाया वेतन और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा है। कर्मचारियों का कहना है कि अब उनके पास दो ही विकल्प बचे हैं, मुख्यमंत्री से मिलना या अदालत का दरवाजा खटखटाना। इस पर जल्द ही सामूहिक निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि 22 अक्टूबर 1994 को नगर निगम ने सहारा हाउसिंग कंपनी को 130 एकड़ जमीन पर आवासीय योजना विकसित करने के लिए लाइसेंस दिया था। साथ ही 40 एकड़ भूमि ग्रीन बेल्ट के लिए दी गई थी। 1997 में शर्तों के उल्लंघन के आरोप में लाइसेंस निरस्त कर दिया गया, जिसके खिलाफ सहारा ने सिविल कोर्ट में वाद दायर कर रोक आदेश हासिल किया था।