
लखनऊ, 8 अक्टूबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) कार्यालय के बाहर बुधवार को सैकड़ों किसान हल, लाठी और डंडे लेकर आ धमके। भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीयतावादी के नेतृत्व में किसानों ने 13 सूत्री मांगों को लेकर एलडीए के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
किसानों ने नारे लगाए… जो ना माने झंडे से, उसे समझाओ डंडे से और मुख्य द्वार पर टेंट गाड़कर धरने पर बैठ गए। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि एलडीए ने 1984 में उनकी जमीन अधिग्रहित की थी, लेकिन अब तक न तो पूरा मुआवजा दिया गया और न ही वादों को पूरा किया गया।
उन्होंने बताया कि अधिग्रहण के समय मुआवजा दर 84 पैसे प्रति वर्ग फुट तय की गई थी, जो कई चरणों में बढ़कर 4 रुपये 60 पैसे हुई। 2016 में अदालत ने अंतिम आदेश में तय किया था कि सभी किसानों को 4.60 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से भुगतान किया जाए, मगर एलडीए अब धन की कमी बताकर भुगतान से पीछे हट रहा है।
किसानों का कहना है कि अधिग्रहण के समय प्रत्येक परिवार को नौकरी, आवास, गांव के विकास और किसान भवन जैसी कई सुविधाओं का वादा किया गया था, जो आज तक अधूरे हैं। तीन श्मशान घाटों में से दो खत्म हो चुके हैं और किसान परिवारों की महिलाएं आज शहर में चौका-बर्तन करने को मजबूर हैं।
किसान नेता अशोक ने बताया कि 24 सितंबर को डीएम ऑफिस घेराव के दौरान अधिकारियों ने एक हफ्ते में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन एलडीए अधिकारियों से वार्ता के दौरान उनकी कोई बात नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि 40 वर्षों से बुजुर्गों और महिलाओं ने न्याय के लिए चक्कर काटे, लेकिन अब तक समाधान नहीं मिला और कई लोग न्याय की आस में दुनिया छोड़ चुके हैं।