
कानपुर, 9 अक्टूबर 2025 :
यूपी के कानपुर जिले में बीच बाजार हुए जोरदार विस्फोट में आठ लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद अफवाह उड़ी कि धमाके मस्जिद के पास खड़ी दो स्कूटी में हुए थे। फिलहाल दहशत फैलाने वाली इस घटना में पुलिस एक्शन में आई तो सच कुछ और निकला। पता चला कि धमाके मस्जिद के पास स्कूटी में नहीं हुए न इसका किसी संगठन से रिश्ता था। ये पटाखों और बारूद के अवैध भंडारण के कारण हुए थे। कमिश्नर रघुबीर लाल ने एसीपी को हटाकर थानेदार समेत 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
बता दें कि कानपुर के थाना मूलगंज इलाके में मेस्टन रोड स्थित मिश्री बाजार में शाम सवा 7 बजे जोरदार धमाके हुए थे। इस घटना में कई लोग जख्मी हो गए। वहीं कई दुकानों में दरारें आ गईं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबरों में मस्जिद के पास धमाके बताकर खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स नामक संगठन जे रिश्ता बता दिया। कानपुर पुलिस के आला अफसर भी मौके पर पहुंचे। पहले घायलों को उपचार मुहैया कराया गया। इसके बाद मामले की गहराई से जांच शुरू हुई।
घटना के दूसरे दिन ही सुबह कानपुर के पुलिस कमिश्नर रघुबीर लाल मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने पूरी घटना का ब्यौरा दिया। बताया कि जांच के दौरान यह पता चलाकि यह मामला अवैध पटाखों के भंडारण से जुड़ा है। जिस दुकान के सामने विस्फोट हुआ, उसके समीप से भी पर्याप्त मात्रा में पटाखे बरामद किए गए हैं। साथ ही लगभग 25 मीटर की दूरी पर एक गोदाम मिला है, जिसमें अत्यधिक मात्रा में विस्फोटक पदार्थ पाए गए हैं, जो पटाखों के निर्माण में प्रयोग होते हैं।
कमिश्नर ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस घटना को मस्जिद के पास हुई तथा “खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स” जैसी गतिविधियों से जोड़ने वाले सभी दावे गलत और भ्रामक हैं। यह एक स्थानीय स्तर की दुर्घटना है, जो अवैध रूप से पटाखे रखने एवं भंडारण से उत्पन्न हुई है। इस संबंध में बिना लाइसेंस पटाखे रखने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जा रही है। अब तक घटना में सम्मिलित 12 व्यक्तियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। दो स्कूटी घटनास्थल से बरामद की गई हैं, जिनमें से एक स्कूटी सवार को गंभीर अवस्था में लखनऊ रेफर किया गया है, जबकि दूसरी स्कूटी चोरी की पाई गई है। घटना में किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि या संगठन विशेष की संलिप्तता का कोई प्रमाण नहीं मिला है। जांच के दौरान लापरवाही पाए जाने पर SHO सहित 5 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है तथा सम्बन्धित सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।