लखनऊ, 3 नवंबर 2025:
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने रविवार को एक अनोखी सांस्कृतिक पहल के तहत मध्य और दक्षिण अमेरिका व कैरिबियाई द्वीप समूह के 22 देशों से आए 47 विदेशी राजनयिकों के लिए विशेष निर्देशित “हेरिटेज वॉक” का आयोजन किया। इस वॉक का उद्देश्य लखनऊ की ऐतिहासिक और स्थापत्य विरासत से विश्व समुदाय को परिचित कराना था।
राजनयिकों के दल ने शहर के दो प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों बड़ा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा का भ्रमण किया। बड़ा इमामबाड़ा में उन्होंने भूलभुलैया, असफुद्दौला की दरगाह और शाही मस्जिद अवलोकन किया। वहीं, रूमी दरवाजा की वास्तुशिल्पीय सुंदरता और 18वीं सदी की नवाबी कला देखकर वे मुग्ध हो उठे। राजनयिकों ने लखनऊ की वास्तुकला, तहज़ीब, कला, संगीत और आतिथ्य संस्कृति की प्रशंसा करते हुए इसे “पूर्व और पश्चिम का सौम्य संगम” बताया।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य “सांस्कृतिक कूटनीति” (Cultural Diplomacy) के जरिए प्रदेश की पहचान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सशक्त बनाना है।
यह कार्यक्रम “Visit Uttar Pradesh 2025” अभियान का हिस्सा भी है, जिसके अंतर्गत राज्य के प्रमुख शहरों को विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। “लखनऊ की यह हेरिटेज वॉक केवल दर्शनीय यात्रा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संवाद है, जिससे विदेशी मेहमान भारत की आत्मा को महसूस कर सकें।”
इस प्रतिनिधिमंडल में ब्राज़ील, अर्जेंटीना, मेक्सिको, कोस्टा रिका, पनामा, चिली, क्यूबा, कोलंबिया, डोमिनिकन रिपब्लिक, गुयाना, पराग्वे, जमैका, पेरू, वेनेजुएला, त्रिनिदाद एंड टोबैगो जैसे देशों के राजनयिक शामिल थे। सभी ने हेरिटेज वॉक के दौरान स्थानीय इतिहासकारों से बातचीत की और पारंपरिक व्यंजनों का भी स्वाद चखा।
राजनयिकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए सोशल मीडिया पर बड़ा इमामबाड़ा और रूमी दरवाजा के साथ तस्वीरें साझा कीं। “#IncredibleLucknow” और “#Uttar Pradesh Tourism” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

पर्यटन विभाग ने बताया कि आने वाले महीनों में
वाराणसी, आगरा और अयोध्या में भी ऐसे विशेष विदेशी हेरिटेज वॉक आयोजित किए जाएंगे।
स्थानीय गाइडों को विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण देकर पर्यटकों के अनुभव को और समृद्ध किया जाएगा। साथ ही, AR-आधारित वर्चुअल गाइड सिस्टम की शुरुआत की जा रही है जिससे डिजिटल पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
				
					





