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1986 का वो वाकया, जिसे आज तक याद नहीं करना चाहतीं तब्बू! जानिए उनकी जिदंगी का खट्टा-मीठा सफर…

तब्बू वो नाम हैं जिन्होंने दिखाया कि सिनेमा सिर्फ चमक-दमक नहीं, संवेदनाओं की गहराई भी है। हर दौर में उन्होंने साबित किया — Acting बदल सकती है, पर तब्बू जैसी सादगी नहीं।

मुंबई, 4 नवंबर 2025:

बॉलीवुड की सबसे टैलेंटेड और ग्रेसफुल एक्ट्रेस तब्बू (Tabu) आज 54 साल की हो गई हैं। उम्र भले ही बढ़ गई हो, लेकिन उनका charm और अभिनय की गहराई आज भी पहले जैसी है। तब्बू उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने हर दौर में अपने अभिनय से सिनेमा को एक नया meaning दिया है। चाहे ‘माचिस’ हो, ‘चांदनी बार’, ‘हैदर’ या ‘अंधाधुन’, हर किरदार में तब्बू ने कुछ ऐसा किया जिसे देखकर लोग कहते हैं — “ये है असली actress।”

बचपन से ही संघर्षों से भरा रहा जीवन

4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में जन्मी तबस्सुम फातिमा हाशमी, जिसे पूरी दुनिया तब्बू के नाम से जानती है, बचपन से ही मुश्किलों से गुजरीं। जब वह सिर्फ तीन साल की थीं, उनके माता-पिता का तलाक हो गया। पिता जमाल हाशमी ने दूसरी शादी कर ली, और तब्बू व उनकी बहन फराह नाज़ मां रिजवाना के साथ रहने लगीं।

तब्बू ने एक इंटरव्यू में कहा था — “मैं अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहती। मेरे लिए मेरी मां ही सबकुछ हैं।” यानी बचपन में ही उन्होंने ज़िंदगी की कड़वी सच्चाइयों को बहुत करीब से देखा।

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Untold Stories and 1986 Incident

14 की उम्र में निभाया रेप पीड़ित का किरदार

सिर्फ 14 साल की उम्र में तब्बू ने देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान’ (1985) में एक rape victim Priya का किरदार निभाया था। इतनी छोटी उम्र में इतना मुश्किल रोल निभाना आसान नहीं था, लेकिन तब्बू ने इसे इतनी सादगी और गहराई से निभाया कि हर कोई हैरान रह गया।

फिल्म में उनका रोल बहुत emotional था, और शायद तभी से तब्बू का connection “serious cinema” से बन गया। इससे पहले वह ‘बाजार’ फिल्म में child artist के रूप में दिख चुकी थीं।

बॉलीवुड में पहचान ‘विजयपथ’ से मिली

हालांकि तब्बू का डेब्यू 1987 में बोनी कपूर की फिल्म ‘प्रेम’ से होना था, लेकिन ये फिल्म 8 साल बाद 1995 में रिलीज हुई। इससे पहले तक तब्बू को कोई बड़ी हिट नहीं मिली थी। लेकिन किस्मत ने करवट ली जब 1994 में उनकी फिल्म ‘विजयपथ’ रिलीज हुई।

इस फिल्म में अजय देवगन के साथ तब्बू की जोड़ी सुपरहिट रही। फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और तब्बू को मिला Filmfare Best Debut Award। इसके बाद तो जैसे उनके लिए सफलता के दरवाजे खुल गए।

निजी जिंदगी रही उतार-चढ़ाव भरी

तब्बू की professional life जितनी steady रही, personal life उतनी ही चर्चा में रही। कभी उनका नाम संजय कपूर, साजिद नाडियाडवाला से जुड़ा, तो कभी साउथ सुपरस्टार नागार्जुन से। नागार्जुन के साथ उनका रिश्ता कई साल चला, लेकिन क्योंकि नागार्जुन पहले से शादीशुदा थे, तब्बू ने यह रिश्ता खुद खत्म कर लिया।

बाद में उन्होंने कहा था कि “कभी-कभी प्यार सबकुछ होते हुए भी पूरा नहीं होता।” तब्बू आज तक single हैं और कहती हैं —“लोग मुझसे और सलमान खान से शादी के सवाल पूछना बंद करें।” उनका ये जवाब हमेशा की तरह चुटीला और classy होता है।

जैकी श्रॉफ से क्या था विवाद?

साल 1986 में मॉरीशस में हुई एक पार्टी के दौरान, तब्बू की बहन फराह ने आरोप लगाया था कि जैकी श्रॉफ ने शराब के नशे में तब्बू के साथ जबरदस्ती की कोशिश की। बाद में यह मामला “misunderstanding” बताकर खत्म कर दिया गया, लेकिन तब्बू ने अपने पूरे करियर में कभी जैकी के साथ काम नहीं किया।

अलग-अलग किरदारों से रचा इतिहास

तब्बू का फिल्मी सफर ऐसा है जहां हर किरदार ने एक नई कहानी कही।

‘माचिस’ (1996) — आतंकवाद की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में तब्बू ने अपने सादे लेकिन भावनात्मक अभिनय से दिल जीत लिया।

‘चांदनी बार’ (2001) — बार डांसर की भूमिका में उन्होंने जो यथार्थ दिखाया, उसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

‘चीनी कम’ (2007) — इस फिल्म में उन्होंने अमिताभ बच्चन से उम्र में छोटी महिला का किरदार निभाया जो एक बुजुर्ग शेफ से प्यार कर बैठती है। तब्बू ने दिखाया कि प्यार उम्र का मोहताज नहीं होता।

‘हैदर’ (2014) — इस फिल्म में उन्होंने शाहिद कपूर की मां का रोल निभाया। यह किरदार बेहद complex और layered था। उनकी परफॉर्मेंस देखकर हर कोई बोला — “Tabu is brilliance personified.”

‘अंधाधुन’ (2018) — इस फिल्म में तब्बू का ग्रे शेड किरदार दर्शकों के दिलों में उतर गया। फिल्म सुपरहिट रही और उनके अभिनय की खूब तारीफ हुई।

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Untold Stories and 1986 Incident

हॉलीवुड में भी किया काम

तब्बू सिर्फ बॉलीवुड तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी काम किया जैसे —

‘The Namesake’ (2006)

‘Life of Pi’ (2012)

इन फिल्मों ने उन्हें ग्लोबल पहचान दी। दुनिया भर के critics ने तब्बू को “one of the finest actors from India” कहा।

विवादों में भी आईं लेकिन गरिमा बरकरार रखी

1998 में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान Blackbuck poaching case में तब्बू का नाम भी आया। लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बावजूद तब्बू ने कभी मीडिया ट्रायल या गॉसिप का जवाब नहीं दिया। उन्होंने हमेशा अपनी dignity और grace बनाए रखी।

सम्मान और उपलब्धियां

तब्बू को अब तक दो राष्ट्रीय पुरस्कार, छह फिल्मफेयर अवॉर्ड्स, और पद्मश्री (2011) से नवाजा जा चुका है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता — जो किसी भी अवॉर्ड से बड़ा सम्मान है।

आज की तब्बू — एक मिसाल

आज जब ग्लैमर और शोहरत की दुनिया में कई चेहरे आते-जाते रहते हैं, तब्बू अब भी एक अलग मुकाम पर हैं। उनकी सादगी, गहरी सोच और acting brilliance उन्हें “timeless actress” बनाती है। वो आज भी फिल्मों का चुनाव बहुत सोच-समझकर करती हैं — quality over quantity। तब्बू का कहना है — “मैंने हमेशा वो किया जो मुझे सही लगा। शायद इसी वजह से आज भी लोग मुझे याद रखते हैं।”

सादगी में छिपी तब्बू की चमक

तब्बू सिर्फ एक actress नहीं, बल्कि एक school of acting हैं। उन्होंने दिखाया कि glamour के बीच भी simplicity और maturity से अपनी पहचान बनाई जा सकती है। 14 साल की उम्र में जिसने दर्द भरा किरदार निभाया, वही आज करोड़ों दिलों की धड़कन है।

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