Unnao City

बीवी से करीबी के शक में हिस्ट्रीशीटर जीजा को दी तालिबानी मौत…एक महिला हिरासत में

अचलगंज थाना क्षेत्र में हुई वारदात, साले व जीजा के बीच कई दिनों से चल रहा था तनाव, खम्भे में बांधकर मौत होने तक बरसाते रहे लाठियां। मृतक की पत्नी ने दर्ज कराई नामजद एफआईआर, साले की बीबी को हिरासत में लिया गया।

प्रमोद पासी

उन्नाव, 7 नवंबर 2025:

उन्नाव जिले के अचलगंज थाना क्षेत्र के बड़ौरा गांव में पत्नी से नजदीकी के शक में साले ने अपने हिस्ट्रीशीटर जीजा को खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने चार लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

मृतक की पहचान बड़ौरा गांव निवासी नरेंद्र उर्फ लाला (50) के रूप में हुई है। उसकी पत्नी नन्हा ने बताया कि गांव में ही उनकी शादी हुई थी और ससुराल भी उसी गांव में है। नन्हा के भाई गंगाराम को शक था कि नरेंद्र की उसकी पत्नी से नजदीकी है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता रहता था। बुधवार शाम को भी दोनों में झगड़ा हुआ था और गंगाराम ने “देख लेने” की धमकी दी थी।

गुरुवार दोपहर गंगाराम ने अपनी पत्नी बालेश्वरी, बेटे कमलेश और बहू नीलम के साथ मिलकर नरेंद्र को घर के बरामदे के खंभे से रस्सी से बांध दिया। इसके बाद चारों ने मिलकर उसकी बेरहमी से पिटाई की। पत्नी और बेटी लगातार उसकी जान की भीख मांगती रहीं, लेकिन आरोपियों का दिल नहीं पसीजा। जब नरेंद्र बेहोश होकर गिर पड़ा, तब पड़ोसियों ने हस्तक्षेप कर उसे छुड़ाया और बिछिया सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक नरेंद्र उर्फ लाला का आपराधिक इतिहास था। उस पर चोरी, लूट और हत्या जैसे 12 से अधिक मामले दर्ज थे। थानाध्यक्ष राजेश पाठक ने बताया कि मृतक की पत्नी नन्हा की तहरीर पर गंगाराम, उसकी पत्नी बालेश्वरी, बेटे कमलेश और बहू नीलम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने नीलम को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है।

घटना के समय नरेंद्र की पत्नी नन्हा और बेटी संगीता घर पर मौजूद थीं, जबकि बेटा नितिन स्कूल गया हुआ था। स्कूल से लौटने के बाद बेटे ने भी पिता को छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी।

बताया गया कि गंगाराम को गंगा एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित तीन बीघा जमीन का दो करोड़ रुपये का मुआवजा उसे मिला था। नरेंद्र आए दिन पैसे मांगता था और न देने पर झगड़ा करता था। लगातार हो रहे विवाद से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।

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