लखनऊ/कानपुर, 13 नवंबर 2025:
कभी मेडिकल कॉलेज की मेधावी और आत्मनिर्भर महिला के रूप में जानी जाने वाली लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद आज आतंकवादी कनेक्शन में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में हैं। ऊंचे सपनों और यूरोप में बसने की ख्वाहिशों ने न सिर्फ उसके वैवाहिक जीवन को तोड़ा बल्कि उसे ऐसे रास्ते पर ला खड़ा किया, जहां से वापसी नामुमकिन हो गई।
जांच में सामने आई जानकारी के मुताबिक शाहीन ने 2003 में प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और फिर एमडी किया था। 2006 में उसका चयन लोक सेवा आयोग के जरिए हुआ और फार्माकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. शाहीन ने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नौकरी शुरू की थी। यहीं उसकी मुलाकात नेत्र सर्जन डॉ. हयात जफर से हुई। दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और उन्होंने शादी कर ली।
इस बीच में उसका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज में हुआ लेकिन वह कुछ महीनों बाद वापस कानपुर लौट आई। कुछ समय तक जीवन सामान्य रहा लेकिन डॉ. शाहीन की यूरोप में बसने की जिद ने रिश्ते में दूरी ला दी। एक दिन वह पति को छोड़कर चली गई और फिर कभी संपर्क नहीं किया। शाहीन का 2015 में तलाक हो गया था। तलाक के बाद उसने अपने पति की कोई खबर भी नहीं ली। इसके बाद उसकी जिंदगी का मकसद और राह बदली।
सहकर्मियों के अनुसार डॉ. शाहीन आम लिबास में रहती थी। वह कभी बुर्का नहीं पहनती थी। अपनी निजी बातें किसी से साझा नहीं करती थीं। लेकिन धीरे-धीरे उसका झुकाव कट्टरपंथ की ओर बढ़ता गया। कन्नौज के नए मेडिकल कॉलेज में तबादले के बाद उनके संपर्क संदिग्ध संगठनों से जुड़े पाए गए।
अब उसकी गिरफ्तारी होने और दिल्ली धमाके में नाम जुड़ने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि एक मेधावी डॉक्टर आखिर कैसे भटकी और आतंकी जाल में फंस गई? क्या ऊंचे सपनों की कीमत इतनी भारी हो सकती है कि एक डॉक्टर आतंक के साए में पहुंच जाए? इन सवालों के मद्देनजर जांच एजेंसियां अब शाहीन के पिछले 10-12 साल की गतिविधियों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।






