लखनऊ, 14 नवंबर 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें सबसे अहम वृद्धावस्था पेंशन का मामला रहा। अब पेंशन के लिए बुजुर्गों को भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार उन्हें घर बैठे पेंशन मुहैया कराएगी। वहीं सरकार ने किरायेदारी को अधिक पारदर्शी, व्यवस्थित और विवाद-रहित बनाने के उद्देश्य से 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायानामा विलेखों पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस में व्यापक छूट को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण व स्टाम्प शुल्क पंजीयन मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी। मंत्री असीम अरुण ने बताया कि नई व्यवस्था में फैमिली आईडी के आधार पर उन नागरिकों की सूची स्वतः तैयार होगी, जिनकी आयु अगले 90 दिनों में 60 वर्ष होने जा रही है। यह सूची एपीआई के माध्यम से समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर भेजी जाएगी। विभाग सबसे पहले एसएमएस, व्हाट्सऐप और फोन कॉल जैसे डिजिटल माध्यमों से पात्र नागरिकों से सहमति लेगा। जिनकी सहमति डिजिटल रूप से नहीं मिलेगी, उनसे ग्राम पंचायत सहायक, कॉमन सर्विस सेंटर या विभागीय कर्मचारी भौतिक रूप से संपर्क करेंगे। दोनों स्तरों पर सहमति न मिलने पर ऐसे नाम प्रक्रिया से हटा दिए जाएंगे।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार का मानना है कि अधिक शुल्क के कारण लोग रजिस्ट्री से बचते हैं। ऐसे में किरायेदारी अधिनियम का पालन भी ठीक से नहीं हो पाता। सरकार ने नए फैसले में स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर अधिकतम सीमा तय कर दी है, ताकि 10 वर्ष तक की किरायेदारी वाले समझौते आसानी से रजिस्टर्ड हो सकें। स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने कहा कि नई व्यवस्था से किराएदार- मकान मालिक दोनों को राहत मिलेगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
– राजस्व विभाग में कानूनगो के चपरासी (चैन मैन) को लेखपाल के पद पर पदोन्नति देने के लिए उप्र लेखपाल सेवा नियमावली (पंचम संशोधन) 2025 को मंजूरी
– न्यायिक सेवा से जुड़े दो प्रस्तावों को हरी झंडी व अपर निजी सचिव के 156 पदों पर निजी सचिव के ग्रेड वन पर प्रमोट करने पर सहमति
– उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारियों को कार खरीदने के लिए सरकार की ओर से अधिक कर्ज देने के प्रस्ताव को मंजूरी






