एमएम खान
मोहनलालगंज (लखनऊ), 15 नवंबर 2025
शनिवार को निरीक्षण के दौरान गौशाला के बाहर कई कुंतल सड़ा हुआ भूसा पड़ा मिला, जबकि अंदर गौवंशों की चरही खाली पड़ी थी। मवेशी भूख और प्यास से तड़पते हुए इधर-उधर घूमते दिखे, लेकिन उन्हें चारा और पानी कुछ नहीं मिला।
केंद्र के मुख्य गेट पर सड़े हुए भूसे का बड़ा ढेर पड़ा था। वहीं थोड़ी दूरी पर अच्छा भूसा भी रखा था, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि वह केवल अधिकारियों को दिखाने के लिए सजाकर रखा गया है। अंदर मौजूद तीन कर्मचारी आपस में बैठे बातें करते नजर आए, जबकि मवेशियों को चारा नहीं मिला था।
रिकॉर्ड के अनुसार गौशाला में 402 गौवंश और 8 गौपालक हैं। लेकिन हालात इससे बिल्कुल अलग दिखे। चरही में चारा नहीं था, और पानी का टैंक भी खाली मिला। जैसे ही लोग अंदर पहुंचे, भूखे मवेशी दौड़कर पास आ गए, मानो उम्मीद में हों कि उन्हें कुछ खाने को मिलेगा, लेकिन वहां भी निराशा ही मिली। गौशाला परिसर के चारों ओर भारी गंदगी का अंबार लगा हुआ था। कई मवेशियों की हालत कमजोर दिखाई दी, जिससे साफ पता चल रहा था कि उन्हें कई दिनों से ठीक से चारा-पानी नहीं मिला।
सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान अशोक मौके पर पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों को फटकार लगाई और तुरंत चारा देने की व्यवस्था शुरू करवाई। जब सड़े भूसे के ढेर के बारे में पूछा गया तो कर्मचारियों ने कहा कि बरसात के कारण भूसा भीगकर सड़ गया, और इसे मवेशियों को नहीं खिलाया जाता। ग्राम प्रधान ने कहा कि केंद्र में चारा और पशु आहार की पूरी व्यवस्था है, लेकिन कर्मचारी समय पर नहीं देते। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसकी जांच कर लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर सीडीओ अजय जैन ने बताया कि वीडीओ को मौके पर भेजा जा रहा है और पूरी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।






