लखनऊ, 17 नवंबर 2025 :
एक तरफ दुनिया भर में मांग धीमी पड़ रही है, दूसरी तरफ भारत का निर्यात भी तेज गिरावट के साथ नीचे आ गया है। अक्टूबर में एक्सपोर्ट इतने कम हुए कि कई महीनों बाद यह सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कई प्रमुख सेक्टरों की विदेशों में डिमांड घटने से भारत का कुल निर्यात 11.8 प्रतिशत गिरकर 34.38 अरब डॉलर पर आ गया।
आयात में जोरदार उछाल, 76 अरब डॉलर पार
निर्यात घटा, लेकिन आयात ने इसके उलट तेज उछाल दिखाया। अक्टूबर में भारत का कुल आयात 16.63 प्रतिशत बढ़कर 76.06 अरब डॉलर तक पहुंच गया। आयात में इतनी बढ़ोतरी ने ट्रेड बैलेंस पर सीधा दबाव बनाया।
सोना और चांदी बने आयात बढ़ने की वजह
सरकारी डेटा बताता है कि आयात में उछाल की सबसे बड़ी वजह गोल्ड और सिल्वर की भारी खरीद है। पिछले साल अक्टूबर में जहां सोने का आयात सिर्फ 4.92 अरब डॉलर था, इस बार यह बढ़कर 14.72 अरब डॉलर पहुंच गया। चांदी के आयात में भी इसी तरह तेज बढ़ोतरी दिखी।
ट्रेड डेफिसिट 41.68 अरब डॉलर पर
निर्यात की कमी और आयात में तेज वृद्धि का असर अब देश के व्यापार घाटे पर साफ दिख रहा है। अक्टूबर में भारत का ट्रेड डेफिसिट 41.68 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो काफी बड़ा अंतर है।
अमेरिका को निर्यात भी कमजोर
भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार अमेरिका भी अक्टूबर में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। पिछले साल 6.9 अरब डॉलर के मुकाबले इस बार अमेरिका को निर्यात घटकर 6.3 अरब डॉलर रह गया। यह गिरावट भारत के कुल एक्सपोर्ट पर असर डाल रही है।
सात महीनों का कुल प्रदर्शन
अप्रैल से अक्टूबर के बीच भारत के कुल निर्यात में मामूली 0.63 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 254.25 अरब डॉलर तक पहुंचा। वहीं आयात इस अवधि में 6.37 प्रतिशत बढ़कर 451.08 अरब डॉलर रहा। लगातार बढ़ता आयात सरकार के लिए चिंता का विषय बन रहा है।






