प्रमोद पासी
उन्नाव, 18 नवंबर 2025:
नवाबगंज स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित सिनर्जी AI ड्राइवेन वुमन पॉवर इंपावरमेंट कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने एआई आधारित शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने हाल ही में हुए दिल्ली धमाकों का ज़िक्र करते हुए युवाओं की भटकती दिशा पर चिंता जताई और कहा कि यह सोचने की जरूरत है कि युवाओं को कैसा मार्गदर्शन और संस्कार मिल रहे हैं। शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम व परीक्षाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इसका उद्देश्य चरित्र निर्माण, नैतिकता, सहानुभूति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को मजबूत करना है। जब युवा यह समझेंगे कि उनकी सोच समाज को जोड़ने के लिए है, न कि विभाजन पैदा करने के लिए, तभी हिंसा और कट्टरता को रोका जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश का युवा भविष्य की रीढ़ है और उसकी सोच समाज, परिवार व शैक्षणिक संस्थानों के सामूहिक प्रयासों से बनती है। इसलिए सभी का दायित्व है कि ऐसे जिम्मेदार नागरिक तैयार हों जो अपने कार्यों के प्रति जवाबदेह और राष्ट्र के प्रति समर्पित हों। युवाओं को अवसर, संवाद और सकारात्मक दिशा देना समय की जरूरत है। शिक्षक, अभिभावक और समुदाय मिलकर ऐसा वातावरण बनाएं जहां युवा खुलकर अपनी बात रख सकें और सही दिशा पा सकें।
उन्होंने युवाओं से केवल नौकरी की तलाश तक सीमित न रहने, बल्कि उद्यमिता, कला, विज्ञान, खेल और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में भी आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत नई सोच और नवाचार की मांग करता है, और इस बदलाव की सबसे बड़ी ताकत युवा पीढ़ी ही है।






