लखनऊ, 26 नवंबर 2025 :
जब भगवान कार्तिकेय, जो ज्ञान और शक्ति के देवता हैं, अपने असुर विरोधियों पर विजय प्राप्त करते हैं। यही दिन है सुब्रह्मण्य षष्ठी, जिसे स्कंद षष्ठी भी कहा जाता है। यह हिंदू पर्व खासकर दक्षिण भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत करने से जीवन में बल, बुद्धि, ज्ञान और संतान सुख की प्राप्ति होती है और सभी नकारात्मक शक्तियों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

जानिए पूजा की सही तिथि
इस साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 25 नवंबर, मंगलवार रात 10:56 बजे शुरू होगी और 27 नवंबर, गुरुवार रात 12:01 बजे समाप्त होगी। इसलिए उदया तिथि के अनुसार सुब्रह्मण्य षष्ठी 26 नवंबर, बुधवार को मनाई जा रही है।
क्या है पूजा के लिए शुभ मुहूर्त?
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त भी निश्चित हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:37 से 05:30 बजे तक है, जो पवित्र स्नान के लिए उत्तम समय है। विजय मुहूर्त दोपहर 01:33 से 02:16 बजे है। भगवान कार्तिकेय की पूजा सुबह 11:47 से दोपहर 12:29 तक और संध्या पूजन के लिए दो मुहूर्त हैं – 05:05 से 05:32 और 05:07 से 06:27 बजे तक।
कैसे करें पूजा की शुरुआत?
पूजा की शुरुआत स्वच्छ स्नान और साफ कपड़े पहनकर करें। हाथ में जल लेकर भगवान कार्तिकेय का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर, और उनके माता-पिता भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा रखें।
भगवान कार्तिकेय की पूजा और मंत्र जाप?
भगवान कार्तिकेय को गंगाजल, दूध और दही से अभिषेक, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, धूप और दीप अर्पित करें। उन्हें मोरपंख, लाल वस्त्र, फल और मिठाई चढ़ाएं। इस दौरान ‘ॐ श्री सुब्रह्मण्य स्वामी नमः’ या ‘ॐ शरवण भवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। पूजा के अंत में आरती करें और भोग प्रसाद के रूप में सभी में बाँटें।
क्या है सुब्रह्मण्य षष्ठी के पीछे का रहस्य?
सुब्रह्मण्य षष्ठी का महत्व बहुत बड़ा है। यह दिन भगवान कार्तिकेय की तारकासुर पर विजय का प्रतीक है। इस व्रत से व्यक्ति को शत्रुओं और जीवन की चुनौतियों पर जीत, बल और आत्मविश्वास, बच्चों में तेज बुद्धि और ज्ञान और संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही यह व्रत भय, रोग और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में भी मदद करता है। इसलिए इस सुब्रह्मण्य षष्ठी, समय देखकर पूजा करना और व्रत रखना सभी के लिए शुभ और फायदेमंद माना जाता है।






