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World Disability Day 2025: साल 1981 में शुरू हुई ये पहल कैसे बनी दुनियाभर में सम्मान का प्रतीक?

हर साल 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान और समान अवसरों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में जागरूकता बढ़ाना और ऐसा समावेशी माहौल बनाना है

लखनऊ, 3 दिसंबर 2025 :

कुछ कहानियां शरीर की ताकत से नहीं, दिल के हौसले से लिखी जाती हैं, विकलांगता उन्हीं कहानियों का एक रूप है। जन्मजात चुनौतियों से लेकर चोट या बीमारी तक, कई बच्चे और लोग जीवन की राह अलग परिस्थितियों में तय करते हैं, लेकिन उनकी उम्मीदें, सपने और क्षमताएं किसी भी सीमा से बड़ी होती हैं। इन्हीं जज्बों को सलाम करने और बराबरी का अधिकार मजबूत करने के लिए हर साल 3 दिसंबर को ‘विश्व विकलांग दिवस’ या ‘विश्व दिव्यांग’ दिवस (World Disability Day 2025) मनाया जाता है। एक ऐसा दिन जो भेदभाव को मिटाने, सम्मान बढ़ाने और हर ‘स्पेशल’ इंसान की आवाज दुनिया तक पहुँचाने का संकल्प दिलाता है।

World disability day 2025
World disability day 2025

कब और कैसे हुई शुरुआत?

विश्व विकलांग दिवस की शुरुआत सबसे पहले साल 1981 में हुई थी। इसके बाद 1992 में संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा ने एक प्रस्ताव पारित करके तय किया कि हर साल 3 दिसंबर को दुनियाभर में यह दिन मनाया जाएगा।

क्यों मनाया जाता है यह दिन?

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जीवन से जुड़ी जरूरतों को समझना है। दिव्यांग व्यक्तियों को समाज के हर क्षेत्र-जैसे शिक्षा, काम, स्वास्थ्य सेवाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम में बराबरी से शामिल किया जा सके, इसी सोच के साथ यह दिन मनाया जाता है।

समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास

विश्व विकलांग दिवस का सबसे बड़ा संदेश यह है कि दिव्यांग होना किसी ‘कमजोरी’ का नाम नहीं है। यह मानव विविधता (human diversity) का एक हिस्सा है। समाज अगर इस सोच को अपनाए, तो दिव्यांग लोग भी खुद को मजबूत, आत्मनिर्भर और एक्टिव महसूस कर सकते हैं। इस दिन दुनियाभर में तरह-तरह के कार्यक्रम, सेमिनार और जागरूकता कैंप आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों को दिव्यांगजनों की चुनौतियों और उनके अधिकारों के बारे में जानकारी मिल सके।

इसका महत्व क्यों बढ़ जाता है?

3 दिसंबर का दिन हमें याद दिलाता है कि दिव्यांग लोग भी हमारी तरह सपने देखते हैं और उन्हें भी वही मौके मिलने चाहिए, जो हर नागरिक को मिलते हैं। सम्मान, सुविधा, अवसर और समान भागीदारी। यही इस दिवस का असली लक्ष्य है। समाज में बराबरी तभी संभव है जब हर व्यक्ति को चाहे वह शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक या संवेदी चुनौती से जूझ रहा हो, समान अधिकार और सम्मान मिले। विश्व विकलांगता दिवस हमें यही सिखाता है कि संवेदनशीलता, सहयोग और समझ के साथ हर इंसान समाज की शक्ति बन सकता है।

इस साल की थीम क्या है?

विश्व विकलांगता दिवस के लिए हर साल एक खास थीम तय की जाती है, जो उस वर्ष का मुख्य संदेश और फोकस बताती है। साल 2025 के लिए थीम है-‘Fostering disability-inclusive societies for advancing social progress’ यानी ‘सामाजिक प्रगति के लिए विकलांग-समावेशी समाज को बढ़ावा देना।’ इस थीम का मकसद यह दिखाना है कि जब समाज, नीतियां, परिस्थितियां और पूरा वातावरण दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अनुकूल बनेंगे, तभी असली सामाजिक विकास और समानता हासिल की जा सकती है।

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