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साढ़ेसाती-ढैय्या के संकट से कैसे मिलती है राहत? जानिए 7 शनिवार के व्रत रखने से क्या होता है चमत्कार

आज का दिन, शनि पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और शनिवार के संयोग पर दीपक जलाने से शनि दोष में राहत और जीवन की नकारात्मकता दूर होती है

लखनऊ, 6 दिसंबर 2025 :

आज एक साधारण दिन लग सकता है, लेकिन पंचांग के हिसाब से यह ऐसा संयोग लेकर आ रहा है जिसे शुभ ऊर्जा का द्वार माना जाता है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और शनिवार का मेल शनि उपासना को बेहद प्रभावी बना देता है। ज्योतिष मानता है कि इस दिन जलाया गया एक साधारण दीपक भी नकारात्मकता को दूर कर व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और शुभ फल ला सकता है। इसी दिन सूर्य वृश्चिक और चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे, जिससे दिन का महत्व और बढ़ जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार आज अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 से दोपहर 12:33 बजे तक और राहुकाल सुबह 9:36 से 10:54 बजे तक है। राहुकाल का समय सुबह 9 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 54 मिनट तक है।

क्यों माना जाता है इतना प्रभावी?

मान्यता है कि शनिदेव का वास पीपल के वृक्ष पर होता है। ऐसे में यदि पास में शनि मंदिर न हो तो पीपल के नीचे दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। अगर कोई व्यक्ति व्रत या पूरी पूजा नहीं कर पाता, तो भी हर शनिवार सरसों के तेल का दीपक जलाना या छाया दान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शनि की कृपा प्राप्त होती है। पूजा के दौरान शनिदेव की प्रतिमा से सीधा नेत्र संपर्क न करने की सलाह दी जाती है, ताकि उनके प्रकोप से बचा जा सके।

काले तिल और सरसों के तेल का क्यों है विशेष महत्व?

शनि प्रसन्नता के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, पूजा स्थल की सफाई और फिर जलाभिषेक द्वारा पूजा शुरू की जाती है। इसके बाद शनिदेव को गुड़, काले वस्त्र, काले तिल, उड़द दाल और सरसों का तेल अर्पित किया जाता है। सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि चालीसा और शनि कथा का पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। पूजा के बाद पूरी और काली उड़द की खिचड़ी का भोग लगाने की परंपरा है।

क्या है 7 शनिवार के व्रत का महत्व?

धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि शनिवार का व्रत शुरू करने के लिए शुक्ल पक्ष का पहला शनिवार सबसे शुभ होता है। लगातार 7 शनिवार व्रत रखने से व्यक्ति को साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी कठिन स्थितियों से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि इस व्रत से करियर, धन, परिवार और मानसिक शांति जैसे जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दिखते हैं।

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