लखनऊ, 10 दिसंबर 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव (दीपावली) को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह क्षण केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दीपावली उस मान्यता का प्रतीक है जिसमें प्रकाश अंधकार पर और सद्गुण दुष्कर्म पर विजय प्राप्त करता है। उनके अनुसार यह उपलब्धि भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की दीर्घकालिक शक्ति और उसकी वैश्विक स्वीकृति को और मजबूत करती है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर उत्तर प्रदेश विशेषकर अयोध्या के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने याद दिलाया कि प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या ही वह स्थल है जहां दीपावली की ऐतिहासिक परंपरा ने जन्म लिया था। जब भगवान राम चौदह वर्षों के वनवास और रावण पर विजय के बाद अयोध्या लौटे तब नगरवासियों ने दीपों की अनगिनत पंक्तियां सजाकर उनके स्वागत में उत्सव मनाया। यही दीपोत्सव की मूल प्रेरणा है।
योगी ने कहा कि अयोध्या आस्था का केंद्र होने के साथ भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक हृदय का धड़कता हुआ स्वरूप भी है। ऐसे में दीपोत्सव को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना अयोध्या की आध्यात्मिक महिमा को नई ऊंचाइयां प्रदान करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती सांस्कृतिक प्रतिष्ठा का प्रतिबिंब है। योगी ने उल्लेख किया कि भारतीय उत्सवों, विचारों और जीवन मूल्यों को विश्व समुदाय द्वारा अपनाए जाने की बढ़ती प्रवृत्ति बेहद उत्साहजनक संकेत है। यह न केवल सांस्कृतिक संवाद बढ़ाता है बल्कि मानवता को एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि अयोध्या का यह शाश्वत प्रकाश आने वाले समय में भी सत्य, सद्भाव और मानवीय एकता के मार्ग को आलोकित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि दीपावली मात्र एक त्योहार नहीं बल्कि जीवन का ऐसा दर्शन है जो समाज को सदाचार, एकता और संस्कारों की दिशा में निरंतर प्रेरित करता है।






