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Corona Remedies की शेयर बाजार में शानदार एंट्री…38% गेन पर हुई लिस्टिंग, वेकफिट की शुरूआत रही फीकी

कोरोना रेमेडीज ने शेयर बाजार में मजबूत शुरुआत करते हुए आईपीओ निवेशकों को करीब 38 प्रतिशत का लिस्टिंग गेन दिया। वहीं, वेकफिट इनोवेशंस की लिस्टिंग उम्मीदों के उलट कमजोर रही और शेयर में गिरावट दर्ज की गई

बिजनेस डेस्क, 15 दिसंबर 2025 :

शेयर बाजार में आज दो और कंपनी की धमाकेदार एंट्री हुई है। घरेलू सेल्स के मामले में तेजी से उभरती फार्मा कंपनी कोरोना रेमेडीज के शेयरों ने आज शेयर बाजार में जोरदार शुरुआत की। आईपीओ के तहत 1062 रुपये के इश्यू प्राइस पर जारी यह शेयर बीएसई पर 1452 रुपये और एनएसई पर 1470 रुपये पर लिस्ट हुआ। इस तरह आईपीओ निवेशकों को करीब 38 प्रतिशत का लिस्टिंग गेन मिला। हालांकि, लिस्टिंग के बाद मुनाफावसूली के चलते शेयर में हल्की गिरावट देखने को मिली और एनएसई पर यह 1432.50 रुपये तक फिसल गया। इसके बावजूद निवेशक अब भी करीब 34.89 प्रतिशत के मुनाफे में बने हुए हैं। कर्मचारियों को शेयर 54 रुपये के डिस्काउंट पर मिलने से उन्हें अतिरिक्त लाभ हुआ है।

आईपीओ को मिला जबरदस्त रिस्पांस, 144 गुना से अधिक सब्सक्राइब

कोरोना रेमेडीज का 655.37 करोड रुपये का आईपीओ 8 से 10 दिसंबर तक खुला रहा था और इसे निवेशकों का जबरदस्त समर्थन मिला। यह इश्यू कुल मिलाकर 144.54 गुना सब्सक्राइब हुआ। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का हिस्सा 293.80 गुना भरा, जबकि नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की कैटेगरी 220.18 गुना सब्सक्राइब हुई। खुदरा निवेशकों का हिस्सा 30.39 गुना और कर्मचारियों के लिए आरक्षित कोटा 15.56 गुना भरा था। यह आईपीओ पूरी तरह ऑफर फॉर सेल था, जिसमें 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 61,71,101 शेयरों की बिक्री की गई।

कंपनी को नहीं मिला आईपीओ का पैसा, शेयरधारकों को हुआ फायदा

चूंकि यह इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल के तहत लाया गया था, इसलिए आईपीओ से मिलने वाली पूरी राशि शेयर बेचने वाले मौजूदा शेयरधारकों को मिली। कंपनी को इस इश्यू से कोई नई पूंजी प्राप्त नहीं हुई क्योंकि इसमें कोई भी नया शेयर जारी नहीं किया गया था। इसके बावजूद बाजार में कंपनी की मजबूत ब्रांड वैल्यू और ग्रोथ स्टोरी को देखते हुए निवेशकों ने इस इश्यू में बढ़ चढ़कर भाग लिया।

फार्मा सेक्टर में मजबूत पकड़, तेजी से बढ़ता कारोबार

अगस्त 2004 में स्थापित कोरोना रेमेडीज महिलाओं के स्वास्थ्य, कार्डियोलॉजी, पेन मैनेजमेंट, यूरोलॉजी और अन्य थेरेपी से जुड़े उत्पाद बनाती है। जून 2025 तक कंपनी के पोर्टफोलियो में 71 ब्रांड शामिल हैं। इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है और 22 राज्यों में इसके 2671 मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव कार्यरत हैं। कंपनी की दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट गुजरात में स्थित हैं। घरेलू बिक्री के आधार पर यह देश की टॉप 30 फार्मा कंपनियों में दूसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी है।

मजबूत वित्तीय सेहत, वेकफिट की लिस्टिंग रही फीकी

कोरोना रेमेडीज की वित्तीय स्थिति लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 84.93 करोड रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 90.50 करोड और 2025 में 149.43 करोड रुपये पहुंच गया। इसी अवधि में कंपनी की कुल आय सालाना 16 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़कर 1202.35 करोड रुपये हो गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी ने 46.20 करोड रुपये का शुद्ध मुनाफा और 348.56 करोड रुपये की कुल आय दर्ज की। जून 2025 के अंत तक कंपनी पर 106.65 करोड रुपये का कर्ज था, जबकि रिजर्व और सरप्लस 545.86 करोड रुपये रहा।

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वहीं दूसरी ओर, होम और फर्निशिंग कंपनी वेकफिट इनोवेशंस की आज हुई लिस्टिंग निवेशकों को निराश करने वाली रही। शेयर बीएसई पर 0.46 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 194.10 रुपये पर लिस्ट हुआ और बाद में करीब 9 प्रतिशत तक गिर गया। 1288.89 करोड रुपये का यह आईपीओ 2.52 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

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