बिजनेस डेस्क, 16 दिसंबर 2025:
मैग्नेट वाइंडिंग वायर बनाने वाली कंपनी केएसएच इंटरनेशनल का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। यह इश्यू 18 दिसंबर तक खुला रहेगा। कंपनी इस आईपीओ के जरिए कुल 710 करोड रुपये जुटाना चाहती है। इसमें 420 करोड रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे, जिनका उपयोग उत्पादन क्षमता बढ़ाने और कर्ज चुकाने में किया जाएगा। इसके अलावा प्रमोटर्स की ओर से 290 करोड रुपये का ऑफर फॉर सेल भी शामिल है। आईपीओ के बाद प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 98.4 प्रतिशत से घटकर 71.4 प्रतिशत रह जाएगी।
EV और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ से कंपनी को उम्मीद
कंपनी का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में तेजी, साथ ही सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर और रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर उसके कारोबार को लंबी अवधि में मजबूती देगा। यही वजह है कि कंपनी इस आईपीओ को भविष्य की जरूरतों के हिसाब से एक अहम कदम मान रही है।

कारोबार और ग्लोबल मौजूदगी कितनी हैे?
साल 1979 में स्थापित KSH इंटरनेशनल देश की तीसरी सबसे बड़ी मैग्नेट वाइंडिंग वायर निर्माता कंपनी है। वित्त वर्ष 25 में निर्यात से होने वाली आय के मामले में यह देश की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर रही। कंपनी के उत्पाद पावर, रिन्यूएबल एनर्जी, रेलवे और होम अप्लायंसेज जैसे सेक्टर में इस्तेमाल होते हैं। अमेरिका, यूएई, जर्मनी, जापान और सऊदी अरब समेत 24 देशों में कंपनी अपने उत्पाद निर्यात करती है। 30 जून 2025 तक कंपनी की उत्पादन क्षमता 29,045 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष थी, जिसे मार्च 2027 तक बढ़ाकर 59,000 मीट्रिक टन करने की योजना है।
सप्लायर निर्भरता और वर्किंग कैपिटल बनी चुनौती
कंपनी के सामने कुछ जोखिम भी हैं। वित्त वर्ष 25 में कच्चे माल की कुल खरीद में शीर्ष 10 सप्लायर्स की हिस्सेदारी 98.5 प्रतिशत रही, जिससे सप्लायर पर निर्भरता काफी अधिक है। इसके साथ ही वर्किंग कैपिटल साइकल भी लंबा हुआ है। वित्त वर्ष 23 में नेट वर्किंग कैपिटल डेज 73 दिन थे, जो वित्त वर्ष 25 में बढ़कर 80 दिन हो गए। इससे कैश फ्लो पर दबाव पड़ सकता है।
मजबूत ग्रोथ और वैल्यूएशन की स्थिति क्या है?
वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो कंपनी की आय वित्त वर्ष 23 में 1,050 करोड रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 1,928 करोड रुपये हो गई। इस दौरान करीब 36 प्रतिशत की सालाना कंपाउंड ग्रोथ दर्ज की गई। नेट प्रॉफिट 27 करोड रुपये से बढ़कर 68 करोड रुपये हो गया, यानी सालाना लगभग 60 प्रतिशत की बढ़त। EBITDA मार्जिन 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.4 प्रतिशत हो गया, जो कई प्रतिस्पर्धी कंपनियों से बेहतर है। डेट इक्विटी रेशो FY25 में 1.2 रहा, हालांकि मुनाफा बढ़ने से इंटरेस्ट कवरेज रेशो 4.2 तक पहुंच गया। आईपीओ के बाद कंपनी का ट्रेलिंग पीई करीब 38 रहने का अनुमान है, जो कुछ बड़ी कंपनियों से कम है।
कितना लगाना होगा पैसा और कितना मिलेगा हिस्सा?
केएसएच इंटरनेशनल के आईपीओ का प्राइस बैंड 365 रुपये से 384 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। कंपनी ने एक लॉट में 39 शेयर रखे हैं, यानी रिटेल निवेशकों को न्यूनतम 14,976 रुपये का निवेश करना होगा। इस आईपीओ में कुल इश्यू का अधिकतम 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए आरक्षित है। वहीं, रिटेल निवेशकों के लिए कम से कम 35 प्रतिशत और नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए न्यूनतम 15 प्रतिशत हिस्सा सुरक्षित रखा गया है।






