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यूपी में बदली कमजोर वर्ग की तकदीर… झोपड़ी में रहने वाले 3.72 लाख परिवारों को मिले पक्के घर

सीएम आवास योजना (ग्रामीण) ने जरूरतमंदों को दिया सम्मान से जीने का अवसर, आवंटन में जाति नहीं बल्कि जरूरत को बनाया गया आधार

लखनऊ, 18 दिसंबर 2025:

यूपी के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सबसे गरीब और वंचित परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक रिकॉर्ड 3 लाख 72 हजार से अधिक पक्के मकान आवंटित किए गए हैं। इनमें आदिवासी, दिव्यांग, दैवीय आपदा से प्रभावित, विधवा महिलाएं और समाज के सबसे पिछड़े समुदाय के लोग शामिल हैं।

सात साल पहले 2018 में हुई थी योजना की शुरुआत

सरकार की इस योजना में सीएम का मकसद साफ है कि जिसके पास रहने को घर नहीं है, उसे सबसे पहले छत मिले। इसी सोच के तहत फरवरी 2018 में मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत की गई थी। आज इसके नतीजे जमीन पर साफ दिखाई दे रहे हैं। गांवों में कच्ची झोपड़ियों की जगह पक्के घर खड़े हो रहे हैं और गरीब परिवार सम्मान के साथ जीवन जी रहे हैं।

घर की जरूरत को बनाया गया पात्रता का आधार

आवास आवंटन में जाति नहीं बल्कि जरूरत को आधार बनाया गया। दैवीय आपदा से प्रभावित परिवारों को सबसे अधिक 93,300 पक्के मकान दिए गए हैं। वहीं दिव्यांगजनों को 91,062 आवास मिले हैं। मुसहर समुदाय के 50 हजार से अधिक परिवारों को घर मिला है, जबकि 41 हजार से ज्यादा निराश्रित विधवा महिलाओं को भी पक्की छत नसीब हुई है।

वनटांगिया नट बंजारा जैसे समुदाय मुख्य धारा से जुड़े

वनटांगिया, मुसहर, थारू, कोल, सहरिया, चेरो, बैगा, नट और बंजारा जैसे समुदाय, जो वर्षों तक सरकारी योजनाओं से दूर रहे, अब मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इन वर्गों के लिए पक्का मकान सिर्फ घर नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान की पहचान बन गया है। फिलहाल यूपी के ग्रामीण इलाकों में इस योजना ने सामाजिक बदलाव की नींव रखी है। योगी सरकार का दावा है कि आगे भी सबसे कमजोर वर्ग को प्राथमिकता देते हुए हर जरूरतमंद को पक्का घर उपलब्ध कराया जाएगा।

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