Sitapur City

सील अस्पताल में चोरी-छिपे ऑपरेशन… प्रसूता की मौत, अफसरों ने शुरू की जांच

सांडा में आयुष्मान हॉस्पिटल की पिछली दीवार तोड़ बनवाया गया था रैंप, सील होने के बावजूद चल रहा था मरीजों का इलाज

सीतापुर, 22 दिसंबर 2025:

सांडा कस्बे में पहले से सील किए जा चुके आयुष्मान अस्पताल में चोरी-छिपे ऑपरेशन कर प्रसव कराए जाने का मामला सामने आया है। ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ने पर लखनऊ रेफर की गई प्रसूता की रास्ते में मौत हो गई। मामले को लेकर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है।

पटना गांव निवासी इमरान अपनी पत्नी शाहनूर को शनिवार दोपहर करीब तीन बजे प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा लेकर पहुंचे थे। यहां चिकित्सकों ने परीक्षण के बाद कुछ समय इंतजार करने की सलाह दी। इसी दौरान वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बेहतर इलाज का झांसा देकर शाहनूर को पास के आयुष्मान अस्पताल में भर्ती करा दिया।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में अभिषेक नाम के व्यक्ति, जो खुद को चिकित्सक बताता था, ने शाहनूर का ऑपरेशन कर प्रसव कराया। बेटे का जन्म हुआ, लेकिन ऑपरेशन के बाद रक्तस्राव होने लगा। हालत बिगड़ने पर आनन-फानन में लखनऊ रेफर कर दिया गया। रास्ते में ही शाहनूर की मौत हो गई।

परिजनों ने आरोप लगाया कि आयुष्मान अस्पताल में न तो पंजीकरण था और न ही योग्य चिकित्सक मौजूद थे। इसके बावजूद यहां ऑपरेशन किए जा रहे थे। बताया गया कि यह अस्पताल एक अक्टूबर को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था, लेकिन बाद में पिछली दीवार काटकर रैंप बना लिया गया और चोरी-छिपे अस्पताल का संचालन किया जा रहा था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. के निर्देश पर उपजिलाधिकारी सदर धामिनी एम. दास के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई। समिति में नोडल अधिकारी डॉ. राजशेखर और डॉ. गोविंद गुप्ता शामिल हैं। जांच के दौरान अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए गए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है।

उधर, आयुष्मान अस्पताल के संचालक हिमांशु शुक्ल ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि अस्पताल में किसी मरीज को भर्ती नहीं किया गया था और न ही कोई ऑपरेशन किया गया। वहीं एसडीएम सदर धामिनी एम. दास ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान अस्पताल का पंजीकरण नहीं था, जिसके चलते एक अक्टूबर को उसे सील किया गया था। इसके बावजूद चोरी-छिपे मरीजों को भर्ती कर इलाज किए जाने की जानकारी सामने आई है। प्रसूता की मौत के मामले में जांच पूरी कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button