लखनऊ, 23 दिसंबर 2025:
राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को आशा वर्कर्स का जोरदार शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन से जुड़ी आशा कार्यकर्ता आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (AICCTU) के बैनर तले प्रदेश के विभिन्न जिलों से यहां पहुंचीं। अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आशा वर्कर्स ने नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया।
भीषण ठंड के बावजूद मंगलवार की सुबह बड़ी संख्या में आशा वर्कर्स चारबाग रेलवे स्टेशन पर डटी रहीं। उनका इरादा पैदल मार्च करते हुए विधानसभा की ओर जाने का था, लेकिन पहले से मुस्तैद पुलिस बल ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। चार थानों की पुलिस फोर्स ने बैरिकेडिंग कर चारबाग क्षेत्र को घेर लिया और किसी भी प्रदर्शनकारी को आगे नहीं जाने दिया।

आशा वर्कर्स ने पुलिस बैरिकेडिंग के सामने काफी देर तक संघर्ष और हंगामा किया, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मार्च की अनुमति नहीं दी। इस दौरान संगठन की पदाधिकारियों ने कहा कि आशा वर्कर्स वर्षों से सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है।
प्रदर्शन कर रहीं आशा वर्कर्स ने बताया कि उन्हें मात्र दो हजार रुपये मानदेय मिलता है, जिससे परिवार का भरण-पोषण करना बेहद मुश्किल हो गया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर इलाज तक में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी नाराजगी के बीच आशा वर्कर्स ने नारा बुलंद किया ‘दो हजार में दम नहीं, बीस हजार से कम नहीं’ फिलहाल सभी आशा वर्कर्स चारबाग रेलवे स्टेशन परिसर में धरने पर बैठी हैं और लगातार नारेबाजी कर रही हैं।
संगठन की पांच सूत्रीय मांगों में 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप आशा वर्कर्स को राज्य स्वास्थ्यकर्मी का दर्जा देकर न्यूनतम वेतन देने, मातृत्व अवकाश, ईएसआई, भविष्य निधि, ग्रेच्युटी और पेंशन की गारंटी, 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा और 50 लाख रुपये का जीवन बीमा, काम के घंटे तय करने तथा वर्ष 2017 से लंबित भुगतानों का आकलन कर भुगतान और सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी देने की मांग शामिल है।






