लखनऊ, 23 दिसंबर 2025:
यूपी में सड़क हादसों पर प्रभावी नियंत्रण और आमजन में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण ‘सड़क सुरक्षा मित्र’ कार्यक्रम और ‘राहवीर’ योजनाएं तेजी से विस्तार पा रही हैं। इन योजनाओं के जरिए युवाओं को सड़क सुरक्षा अभियानों से जोड़ने के साथ सड़क दुर्घटनाओं के बाद पीड़ितों को समय पर सहायता और इलाज सुनिश्चित कर मौतों की संख्या कम करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने इन योजनाओं के क्रियान्वयन और निगरानी की जिम्मेदारी जिला सड़क सुरक्षा समितियों को सौंपी है। इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा को एक जन-आंदोलन का रूप दिया जा रहा है जिससे हर नागरिक सुरक्षित सड़कों की जिम्मेदारी साझा करे। केंद्र सरकार का ‘सड़क सुरक्षा मित्र’ कार्यक्रम फिलहाल प्रदेश के 28 जनपदों में सक्रिय है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं को सड़क सुरक्षा से जुड़े अभियानों में सक्रिय भागीदार बनाने पर केंद्रित है।
यूपी में अब तक 423 युवा स्वयंसेवक ‘माय भारत’ पोर्टल पर पंजीकरण कराने के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। राज्य लोक सेवा फाउंडेशन द्वारा गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में इस कार्यक्रम का पहला प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था जहां स्वयंसेवकों को सड़क सुरक्षा नियमों, दुर्घटना प्रबंधन, प्राथमिक सहायता और जन-जागरूकता अभियानों की विस्तृत ट्रेनिंग दी गई।

इस कार्यक्रम के प्रभावी संचालन के लिए 14 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें 28 जनपदों के लिए प्रति जनपद 50 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। यह धनराशि प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रमों और क्षेत्रीय गतिविधियों पर खर्च की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से जहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, वहीं युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और नेतृत्व क्षमता का भी विकास होगा।
इसके साथ सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा संचालित ‘राहवीर’ योजना सड़क हादसों के गोल्डन आवर यानी दुर्घटना के बाद पहले एक घंटे में पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत जो नागरिक किसी दुर्घटना पीड़ित को समय रहते अस्पताल पहुंचाता है उसे 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को निसंकोच मदद के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करना है।

प्रदेश में इस योजना के तहत अब तक बस्ती, कौशांबी, सीतापुर, अलीगढ़ और कासगंज जनपदों से पांच ‘राहवीर’ चयनित किए जा चुके हैं। प्रत्येक जनपद में सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को योजना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उत्तर प्रदेश जैसे विशाल सड़क नेटवर्क और सर्वाधिक हाईवे वाले राज्य में ये दोनों योजनाएं सड़क सुरक्षा को नई दिशा दे रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में परिवहन विभाग आने वाले महीनों में और अधिक प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन की तैयारी कर रहा है। सरकार ने नागरिकों, विशेषकर युवाओं से अपील की है कि वे इन योजनाओं में सक्रिय भागीदारी कर प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित बनाने में अपना योगदान दें।






