सीतापुर, 25 दिसंबर 2025:
टूटी चप्पल वापस न करने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने लिबर्टी शोरूम के प्रबंधक के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। फोरम ने शोरूम प्रबंधक उस्मान के विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए निर्देश दिया है कि उसे हर हाल में दो जनवरी तक फोरम के समक्ष पेश किया जाए।
मामला बट्सगंज निवासी आरिफ से जुड़ा है। उसने 10 मई 2022 को नगर के ट्रांसपोर्ट चौराहा स्थित लिबर्टी शोरूम से 1700 रुपये की चप्पल खरीदी थी। खरीद के समय शोरूम प्रबंधक ने छह माह की वारंटी देने का आश्वासन दिया था। लेकिन चप्पल एक माह के भीतर ही टूटने लगी। जब आरिफ ने शिकायत की तो कुछ दिन पहनने के बाद वापस लेने की बात कही गई।
पांच जुलाई 2022 को आरिफ चप्पल वापस करने शोरूम पहुंचे। प्रबंधक ने चप्पल रखकर दो-तीन दिन में नई चप्पल देने का भरोसा दिया, लेकिन इसके बाद बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें न तो नई चप्पल मिली और न ही संतोषजनक जवाब। इससे परेशान होकर आरिफ ने 17 अक्टूबर 2022 को उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया।
मामले की सुनवाई के दौरान फोरम की ओर से भेजे गए नोटिस का भी शोरूम प्रबंधक ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही वह पेश हुआ। आठ जनवरी 2024 को उपभोक्ता फोरम ने चप्पल की कीमत के साथ मानसिक प्रताड़ना के 2500 रुपये और मुकदमे के खर्च के रूप में 5000 रुपये आरिफ को देने का आदेश पारित किया, लेकिन इस आदेश का भी पालन नहीं किया गया।
आदेश की अवहेलना को गंभीर मानते हुए उपभोक्ता फोरम ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर गैर-जमानती वारंट की तामीली कराने का निर्देश दिया है। फोरम ने स्पष्ट किया है कि दो जनवरी तक शोरूम प्रबंधक को गिरफ्तार कर हर हाल में फोरम के समक्ष पेश किया जाए।
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष/न्यायाधीश अभिमन्यु लाल श्रीवास्तव ने कहा कि परिवादी की समस्या का समाधान नहीं किया गया और फोरम के आदेश का भी पालन नहीं हुआ। ऐसे में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत गैर-जमानती वारंट जारी करना आवश्यक हो गया था।






